Monday, 30 December 2013

क्यों नहीं रुकता धन ? कैसे बनें धनवान

          हर मेहनत करने वाला व्यक्ति धनी नहीं होता क्यों ? मैं  कुछ ज्योतिषीय कारण और उपाय  बता रही  हूँ  जिनका पालन करके आप धन की बचत करके धनी बन सकते हैं :-

  • बली मंगल, बुध और शनि अच्छा धन देने कि क्षमता रखते हैं१ शनि मजबूत हो और बुध का  साथ हो तो  व्यक्ति अपनी मेहनत और बुद्धि से धनार्जन करते हैं 
  • धन कमाने के लिए नवम और एकादश भाव बहुत महत्वपूर्ण है तथा धन संचय के लिए दूसरा भाव शुभ होना चाहिए १ इन भावों में शुभ ग्रह जैसे गुरु, बुध, शुक्र और बुध हो तो जातक धनि होता है १ 
  • सूर्य बलिष्ट होकर दशम भाव से सम्बन्ध बनाये तो जातक सरकारी नौकरी से कमाता है, मंगल का संबंध बने तो मेडिकल, अस्त्र-शास्त्र, प्रॉपर्टी आदि से, बुध हो तो लेखन कार्य, एकाउंट्स, कॉमर्स, गुरु हो तो वकालत, जज, सलाहकार, प्रोफेसर,शिक्षण, शुक्र हो तो कला, शनि हो तो कंस्ट्रक्शन लोहे, मशीनरी आदि के कार्य  से धन कमाता है १ राहु-केतु धनार्जन में रूकावट डालते हैं 
  • अगर उपरोक्त ग्रह कमजोर हो तो व्यक्ति कर्ज में डूबा  है, धन हानि बहुत होती है, धन जुड़ नहीं सकता और व्यक्ति हमेशा धन के लिए चिंतित रहता है क्योंकि आज के समय में धन की कितनी महत्ता है ये सभी जानते हैं १ 
उपाय :-
किसी भी हालत में पितृ दोष का उपाय करें, अपने पूर्वजों को  याद करें, बुजुर्गों का अपमान जिसघर में होता है उस घर में धन नहीं टिकता अतः अपने गुरजनों का सम्मान करें, सरकारी तंत्र में काम करे हों तो गायत्री मन्त्र का जप करें ताम्बे का छल्ला अनामिका में पहनें, बादाम दान करें, तुलसी घर में अवश्य लगाएं, सूर्य को जल दें, अपनी नेक कमाई से कुछ हिस्सा परोपकार में लगाएं, माता-पिता  तथा गाय कि सेवा करें १ धन संचय होगा तथा कमाई में बरकत होगी १ 
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Friday, 27 December 2013

कुंडली से कैसे जानें स्वभाव

       हर इंसान अपने आप में अलग होता है १ उसकी शक्ल, स्वभाव, सोच एक  दूसरे से भिन्न होती है १ लेकिन किसी के मन में क्या चल रहा है या उसकी सोच नकारात्मक है या सकारात्मक,  ये जातक कि कुंडली देखकर बताया जा सकता है :-

  •  जिस जातक कि कुंडली में चंदरमा पर मंगल  प्रभाव हो तो जातक को बहुत जल्दी गुस्सा आता है अतः उसे किसी बात को प्यार से समझाएं १
  • वृषभ राशि के व्यक्ति डांट या गुस्से कि बजाय प्यार से जल्दी किसी बात को मानेंगे 
  • गुरु जिनकी कुंडली में बली हो तो ऐसे जातक को किसी का उपदेश अच्छा नहीं लगता वो अपनी मन मर्जी का कम करता है और दूसरों को उपदेश देता है 
  • कन्या राशि के व्यक्ति को कोई बात समझाने के लिए लॉजिक /तर्क देना बहुत जरुरी है - क्यों, कैसे ये सब उसको जानना होता है, ये जल्दी से किसी बात को नहीं मानते 
  • सूर्य से प्रभावित व्यक्ति आक्रामक स्वभाव  का होता है हर काम को गुस्से, लड़ाई या जिसकी लाठी उसकी भैंस  वाली कहावत  इस पर लागू होती है १ 
  • शनि राहु से प्रभावित व्यक्ति हर बात को ऑब्ज़र्व करेगा, तोलेगा १ अगर बात गलत है तो अपने माँ-बाप की भी नहीं मानेगा , ऐसे व्यक्ति या बच्चे को समझदारी से शांति से समझाएं १ 
  • चंदरमा से प्रभावित व्यक्ति/बच्चे को भावनात्मक सपोर्ट कि जरुरत होती है १ ऐसे बच्चे को कभी भी डांटना नहीं चाहिए अन्यथा ऐसे बच्चे/व्यक्ति जल्दी डिप्रेशन में आ जाते हैं  
  • शुक्र से प्रभावित बच्चे को कोई बात मनवाने के लिए पास  बैठकर प्यार से समझाना चाहिए १ 
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Tuesday, 17 December 2013

शनि राहु का बुरा प्रभाव और बचने के उपाय


शनि न्यायाधीश है और इंसान को कर्मठ  बनाता है १ लेकिन पूर्व कुकर्मों के कुप्रभाव के कारण कुंडली में शनि राहु से पीड़ित हो जाये तो  जातक को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है अतः निम्न उपाय करें :-

  • झूठ अहंकार व  नशे  से दूर रहें नहीं तो कभी बरकत नहीं आएगी 
  • हमेशा किसी काम में लगे रहें और ईमानदारी से का  करें१ धन अपने पास न रखकर माँ ,पत्नी या पुत्र के पास रखें १ 
  • फटे जूते न पहने, साफ स्वच्छ रहें, इत्र लगाएं १ यथाशक्ति दान करें १ काले नीले वस्त्र न पहनें 
  • शनि,मंगल,राहु की युति हो तो जातक चिड़चिड़ा होता है, नकारात्मक सोच रखता है किसी  से घुलमिल नहीं सकता अतः अपने को हठ योग से मजबूत रखें और जिंदादिल रहें १ ज्यादा गुस्सा आए तो चांदी धारण करें १ घर को व्यस्थित रखें, शाम को पूजा अवश्य करें १ सामने वाले का मुस्कराकर स्वागत करें राहु शनि शांत रहेंगें १ साधू, संतों, विद्वानों के साथ बैठकर ज्ञान की चर्चा करें गुरु मजबूत होगा और शनि शांत होगा १ बदजुबानी  पर लगाम  लगाएं १ गरीबों की, असहायों की, गाय की सेवा करें, पति -पत्नी प्रेम से रहें १ उपरोक्त उपायों से शनि तथा राहु दोनों के कुप्रभावों से बचाव होगा १ 
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Thursday, 12 December 2013

कैसे करें धन का संचय


            हर मेहनत  करने वाला व्यक्ति धनी नहीं होता क्यों ? १ धन कमाना जितना मुश्किल है उतना ही मुश्किल है धन को सम्हालना, धन की बचत करके संचित करना १ आज मैं  धन  को सहेजने और धनी बनने के कुछ सूत्र बता रही हूँ :-
  • अच्छा मंगल, बुद्ध और  शनि अतुल धन देते  हैं लेकिन अगर ये   कमजोर  हों, पीड़ित हों तो पूर्वजों द्वारा अर्जित धन भी नष्ट हो जाता है १ मंगल कमजोर हो तो जातक धन कमा सकता  है जोड़ नहीं सकता १ 
  • शनि बली हो तो जातक अपनी मेहनत से धनी होता है १ अगर  शुभ बुध का साथ मिल जाये हो तो जातक अपनी सूझ बूझ से धन कमाता है १ 
  • धन कमाने के लिए नवम और बारहवां स्थान बहुत महत्वपूर्ण होता है और धन संचय के लिए दूसरा स्थान होता है 
  • किस क्षेत्र में नौकरी या  व्यापार करने से धन प्राप्त होगा ये दशम भाव और दशम भाव में स्थित ग्रह    बताते  है जैसे :- 
  •  सूर्य बली दशम भाव में हो तो और  छठे  भाव का सम्बन्ध आ जाये तो जातक सरकारी  नौकरी से धन  कमाता है, मंगल हो तो जातक सेना में  उच्चाधिकारी  होता है पुलिस या प्रशासन में नौकरी करता है १  अगर अन्य ग्रहों का योग हो तो जातक मेडिकल, अस्त्र-शस्त्र, प्रॉपर्टी आदि का व्यापार करता है, बुध हो तो एकाउंट्स, कॉमर्स,कम्युनिकेशन और लेखन से धन कमाता है, गुरु हो तो वकालत, सलाहकार,  शिक्षण,आदि से धनार्जन होता है १ शुक्र हो तो व्यापार, कला, सौंदर्य प्रसाधन, स्त्रियों से संबंधित  सामान आदि से, शनि हो तो बिल्डर्स, लोहा, तेल मशीनरी इत्यादि से धन कमाता है १ राहु केतु  धनार्जन में कमी करता है १  
  • धन संचय के उपाय : किसी भी हालत में पितृ दोष दूर कीजिये अन्यथा कितना भी धन  कमाएँ धन रुकेगा नहीं, बुजुर्गों का अपमान न करें अगर वे अपमान के दौर में शारीर छोड़ जाएँ तो भयंकर पितृ दोष लगता है और कई पीढ़ियों तक धन संचय  नहीं होता १ प्रतिदिन अपने पूर्वजों से अपने कृत्यों के लिए क्षमा मांगे और आगे कोई गलत काम न करने की प्रतिज्ञा करें , सरकारी नौकरी में हों तो सूर्य को जल दें, घर में तुलसी लगाएं, बादाम दान करें , पीड़ित ग्रहों का पता लगाकर  उनका उपाय करें १
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Monday, 2 December 2013

विदेश यात्रा और ज्योतिष

          आधुनिक युग मेंअधिकतर लोग विदेश जाना चाहते हैं १ कुछ लोग आसानी से       विदेश चले जाते हैं और कुछ अथक प्रयासों  के बावजूद नहीं जा पाते १ क्या हैं ज्योतिषीय कारण,  आज मैं यही बताने का प्रयास कर रही  हूँ :-
  • कुंडली के तृतीय, पंचम,अष्टम,नवम और दशम भाव से विदेश यात्रा के बारे में देखा जाता है १ 
  • कुंडली में सूर्य, चन्द्र,मंगल, बुध, गुरु और राहु केतु आदि  ग्रह ये बताते हैं कि जातक विदेश में किस उद्देश्य से विदेश जायगा १ 
  • सूर्य के कारण  जातक विदेश जाता है तो उसे कोई सम्मान मिलता है विदेश में १ अगर सूर्य खराब हो तो जातक सरकारी दंड से बचने के लिए विदेश छिपने के लिए जाना चाहता है १ 
  • चन्द्र बलिष्ट हो तो जातक बड़ी आसानी से विदेश चला जाता है और चन्द्र ख़राब हो तो जातक को विदेश जाने में तो परेशानी होती ही है, वह विदेश में खुश भी नहीं रहता १ अच्छे चन्द्र के कारण ही जातक लम्बी विदेश यात्रा करता है १  
  • खराब चन्द्र वाले को नदी, समुद्र के पास यात्रा अवश्य करनी चाहिए १ 
  • कुंडली मंगल अच्छा हो तो जातक विदेश जाकर वहाँ सेटल हो सकता है, लेकिन शुभ मंगल वाला जातक स्वदेश भी जरुर आता है १ 
  • मेष, सिंह, वृश्चिक राशि/ लगन वाले जातक विदेश जाते हैं और कुछ वक़्त बिताकर वापस स्वदेश लौट  आते है १ 
  • बुध विदेश जाने का कारक बने तो जातक व्यापार या वक्तव्य देने के लिए विदेश जाता है १ अगर बुध तीसरे भाव, द्वादश भाव या चन्द्र से सम्बन्ध बनाये तो विदेश जाकर वापस लौट आयें  अन्यथा हानि हो सकती है १ 
  • गुरु अच्छा हो तो उच्च शिक्षा, परोपकार या शांति के लिए विदेश जाता है जातक  १ 
  • चन्द्र शुक्र युति हो तो अवश्य ही विदेश घूमता है जातक १ 
  • शनि राहु केतु तकनीकि क्षेत्र में विदेश ले जाते हैं १ 
विशेष :-  विदेश जाकर सफल होना चाहते हैं तो मेरा अगला पोस्ट देखें १
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