बच्चे भावी जीवन के कर्णधार हैं १ हर माता-पिता के लिए उनके बच्चे ही उनकी पूंजी होते हैं १ हर माँ-बाप चाहते हैं की उनका बच्चा लायक बने, उनका नाम रोशन करे, एक कामयाब इंसान,एक अच्छा बेटा, एक अच्छा पति, एक अच्छा पिता बनने के साथ-साथ एक सभ्य नागरिक बने १ इसके लिए आपको बचपन में ही बच्चे की कुंडली किसी योग्य ज्योतिषाचार्य को दिखा लेनी चाहिए १ कुंडली में स्थित कुछ योगों से पता चल जाता है की बच्चा किस प्रवृती का है और उसी के अनुसार शुरू से ही बच्चे पर ध्यान देना चाहिए १ जैसे :-
- कुंडली में मंगल शुक्र का योग हो और मंगल बली हो तो बच्चे पर नजर रखें १ बच्चों को राह से भटकने में मंगल का बहुत बड़ा हाथ होता है १
- शुक्र चन्द्र की युति हो तो किशोरावस्था से बच्चे पर ध्यान रखें १ बच्चा अपोजिट सेक्स के प्रति आकर्षित हो सकता है
- चंद्रमा कमजोर हो तो बच्चा बहुत नरम दिल होता है १ ऐसे में कुछ स्वार्थी बच्चे/बच्चियांउसे ब्लैकमेल करके उसे नुकसान पहुंचा सकते हैं
- चन्द्र राहु की युति हो तो बच्चे के मन में नित नयी खुराफातें उपजती हैं
- मंगल शनि की युति हो और मंगल बहुत बली हो तो बच्चा किसी को भी हानि पहुँचाने से नहीं डरेगा १
- गुरु ख़राब हो, नीच, अस्त, वक्री हो तो बच्चा अपने माता-पिता बड़े बुजुर्ग किसी की भी इज्जत नहीं करेगा १
मंगल शुक्र योग के लिए बच्चे को खेलकूद में डालें १ बच्चे की एनेर्जी को खेलकूद में लगायें, बुध के लिए हरी सब्जियों का सेवन कराएँ
- लड़की की कुंडली में इस तरह के योग हों तो उसे संगीत,डांस, पेंटिंग आदि किसी कला में डालें
- बच्चों को शुरू से ही बड़ों का आदर करना सिखाएं १ घर में स्वयं भी अपने बुजुर्गों का आदर करें इससे घर में गुरु मजबूत होगा
अधिक जानकारी के लिए मेल करें : jyotishsanjeevani@gmail.com