कुंडली में स्थित श्राप
कई बार देखा गया है कि दशा अच्छे भाव की चल रही है, गोचर के ग्रह भी शुभ होते हैं फिर भी अच्छे परिणाम नहीं मिलते १ इसका कारण कुंडली में कोई शाप हो सकता है जो शुभ फल नहीं लेने देता १ ऐसा पूर्व जन्म के कर्मों के कारण होता है और हम इस जन्म में परेशनियां और दुःख झेलते हैं
निम्न प्रकार के श्राप से कुंडली शापित होती है
- देवताओं का शाप :-कई बार हम कुछ मन्नत मांग लेते है कि फ्लां काम हो जाये तो मैं देवता का जगराता करूँगा या देव के दर्शन के लिए जाउंगा लेकिन किसी वजह से नहीं करते या भूल जाते हैं तो जब तक ये दोष दूर नहीं होता शुभ फल की प्राप्ति नहीं होती
- सर्प देवता का शाप:- कभी-कभी व्यक्ति कहीं भी पेशाब कर देता है उसे नहीं मालूम कि वहाँ पर कोई सांप की बांबी हो सकती है अगर ऐसा हो तो उसे सर्प देवता का शाप लग जाता है और हमें उसका दुष्परिणाम भोगने पड़ते हैं
- माता-पिता का शाप: पूर्व जन्म में या इस जन्म में अगर किसी तरह से माँ-बाप का दिल दुखाया हो तो हमें तथा हमारे बच्चो को भी इसका परिणाम भोगना पड़ता है वंश वृद्धि रुक जाती है सुख-समृद्धि में बढ़ा आती है
- प्रेत बाधा :- अगर व्यक्ति का अंतिम संस्कार सही तरीके से नहीं हुआ हो तो आत्मा पिशाच रूप में अपने रिश्तेदारों को बहुत तंग करती है इसके प्रभाव से परिवार में अकाल मृत्यु तथा असाध्य रोग हो जाते हैं
- काला जादू : कई बार कुछ लोग किसी कि उन्नति नहीं देख सकते और किसी पर काला जादू , मूठ या मारक मंत्र से वार करते है १ इसके प्रभाव से जातक को बड़े भयंकर कष्ट झेलने पड़ते हैं और कई बार तो अकाल मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं
उपरोक्त श्राप कुंडली देखकर बताये जा सकते है कि कुंडली किस श्राप के कारण जातक को परेशानिया,असाध्य रोग, धन हानि का सामना करना पड़ रहा है १ उसी आधार पर फिर उपहार भी बताया जाता है १
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