हम सभी को किसी न किसी प्रकार कि यात्रा पर जाना होता है १ किसी विशेष दिशा में एक विशेष वार को यात्रा करना दिशाशूल कहलाता है १
सोम शनि पूरब न चालू, मंगल बुध उत्तरदिशिकाल
रवि शुक्र जो पश्चिम जाय , हानि होय पथ सुख नहीं पाय
बीफे दखिन करे पयाना, फिर नहीं समझो ताको आना
उपरोक्त का अर्थ और इस दिशा शूल से बचने के लिये हमारे ऋषि मुनियों ने यात्रा पर जाने से पूर्व कुछ ज्योतिषीय उपाय करने की सलाह दी है जो इस प्रकार है :-
- सोमवार और शनिवार को पूर्व दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए १ लेकिन आज के इस भागम भाग के समय में ये सम्भव प्रतीत नहीं होता अतः हमारे ऋषि मुनियों ने बताया है कि सोमवार देशी दूध और शनिवार को तिल का सेवन करके घर से निकलें तो यात्रा सफल रहती है १
- मंगल और बुधवार को उत्तर दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए १ लेकिन यात्रा करना अत्यावश्यक हो तो मंगल को गुड और बुधवार को पुष्प का सेवन करके घर से निकलें १
- इसी तरह रविवार और शुक्रवार को पश्चिम दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए १ अगर जाना ही पड़े तो रविवार और शुक्रवार दोनों वारों को ही घी का सेवन करके घर से निकलें १
- गुरवार को दक्षिण में यात्रा करना दिशा शूल होता है अतः इस दिन यात्रा करने से पहले दही खाकर यात्रा पर जाएँ १
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