Saturday, 9 November 2013

वाणी दोष और ज्योतिषीय कारण

          वाणी जीवन बनाने और बिगड़ने में बहुत बड़ा रोल निभाती है १ किसी भी इंसान की वाणी को /आवाज को सुनकर जातक  के  ग्रहों  के  शुभाशुभ  प्रभाव  को जाना जा सकता है  १  जातक किस ग्रह के प्रभाव में ज्यादा है ये वाणी द्वारा जानकर उस ग्रह के उपाय बताये जा सकते हैं:-
  • वाणी पर राहु/केतु शनि का प्रभाव हो तो वाणी कर्कश होती है १ शनि का बहुत खराब प्रभाव हो तो जातक गाली -गलौच भी करता है अतः सब जगह आलोचना का पात्र बनता है  
  • मंगल/केतु वाणी में झगडे का पुट देते हैं १ भाषा में हिंसा झलकती है १ मंगल के प्रभाव से व्यक्ति बहुत जोर लगाकर बोलता है और उसका प्रायः सभी से झगड़ा होता है 
  • सूर्य/बुध का प्रभाव वाणी पर हो तो जातक गुस्सा न करके तर्क-वितर्क  ज्यादा करता है १ अगर सूर्य पर गुरु , चन्द्रमा का शुभ प्रभाव हो तो जातक कि वाणी को जनता सुनेगी १ उसकी  वाणी में सौम्यता होगी, आत्मविश्वास होगा  १ 
  • चंद्रमा का प्रभाव वाणी पर हो तो जातक कम बोलता है और अपने मन की बात खुलकर नहीं कहता १ अगर मंगल का भी प्रभाव साथ में आ जाये तो जातक सबसे अलग-थलग रहता है १ परिवारिक आयोजनों में शामिल नहीं होना चाहता १ 
  • वाणी पर शुभ बुध का प्रभाव हो तो जातक खुशमिजाज होता है १ जातक सुस्पष्ट शब्दों में तर्क संगत बात करेगा लेकिन अगर बुध कमजोर हो या पीड़ित हो तो जातक हकलायेगा, जल्दी-जल्दी बोलेगा और मुँह बिगाड़कर बोलेगा 
  • गुरु के प्रभाव से जातक धीरे-धीरे बोलेगा, वाणी में सौम्यता और नम्रता होगी अगर गुरु अशुभ हो तो गला हमेशा कफ से भरा रहेगा 
  • शुक्र के पराभव से जातक बहुत सुंदर शब्द बोलेगा , ऐसी वाणी बोलता है खुद भी शीतल रहे और औरों को भी शीतल करे 
उपाय :- दूसरे भाव/भवेश तथा उसके नक्षत्र स्वामी को मजबूत करें और अगर क्रूर ग्रह का प्रभाव हो तो उसकी शांति के उपाय करे १ मिटटी के बर्तन में उड़द डालें, सरसों का तेल डालकर काले कपडे से ढक दें और प्रभावित व्यक्ति के सर से सात बार वारकर  किसी निर्जन स्थान में दबाकर  तुरंत वापस आ जाएँ १ 

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