Thursday, 11 July 2013

शनि की दशान्तर्दशा, ढैय्या व साढ़ेसाती

अगर कुंडली में शनि की स्थिति ख़राब है, शनि दुस्थानों का स्वामी है या दुस्थानों में बैठा है तो ऐसा शनि अपनी दशान्तर्दशा में अशुभ फल देगा १ लेकिन अगर शनि स्वराशी, उच्च राशी या अपनी मूल त्रिकोण राशी में हो तो अपनी दशान्तर्दशा में कुछ परेशानियों के बाद उत्तम फल देता हैं बशर्ते की जातक नैतिकता और न्याय के पथ पर चले, मांस मदिरा का सेवन  न करे १

व्यक्ति की जन्म राशी से चौथी, आठवीं राशी पर शनि का गोचर हो तो उसे शनि की ढैय्या या पनौती कहते हैं और यह साढ़े साती जैसे ही फल देती है १

उपाय 
  • शनिवार  को बांये  हाथ में काले रंग का धागा बांधें 
  • बांये  हाथ की मध्यमा ऊँगली में तांबे का बिना जोड़ का छल्ला पहनें 
  • चांदी की गिलास में पानी पियें 
  • उड़द, राजमा का सेवन न करके  इनका दान करें 
  • ॐ नमः शिवाय  का जप करें 
  • लाल मुंह के बाँदर को गुड चना खिलाएं 
  • साढ़े साती के दौरान तिल के लड्डू खाएं व बांटे 
  • शनि स्नायु तंत्र को कमजोर करता है अगर आप नशा करते हैं तो अतः नशा करना छोड़ दें 
  • दस साल से पुराना वस्त्र न पहनें 
  • घर में जंग लगा लोहा न हो 
  • शनि के कारण व्यवसाय में परेशानी हो तो बूंदी कव्वों को खिलाएं 
उपरोक्त उपायों के साथ-साथ अपने attitude and behavior में परिवर्तन करके व्यक्ति शनि भगवान की अपार कृपा पा सकता है १

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें : jyotishsanjeevani@gmail.com


No comments:

Post a Comment