शनि नैसर्गिक पाप ग्रह है १ लेकिन कुंडली में शनिकीस्थिति के आधार पर ही शनि अपने शुभाशुभ परिणाम देता है १ ग्रहों में शनि न्यायाधीश है अर्थात न्याय के पथ पर चलने वालों पर, दीन-दुखियों की सहायता करने वालों पर शनि महाराज की शुभ दृष्टि हमेशा बनी रहती है १ शनि आपकी कुंडली में शुभ है या अशुभ यह जानने के लिए कुछ लक्षणों को देखना चाहिए जैसे :-
शुभ शनि के लक्षण
- अगर कुंडली में शनि शुभ है तो जातक न्यायप्रिय होगा, दूसरों के दुःख में सहायता करेगा १
- जातक को नौकरों का सुख मिलेगा अर्थात वह जहाँ भी जायेगा उसकी सहायता के लिए कोई न कोई तत्पर दिखेगा
- जातक बलिष्ट शरीर का स्वामी होगा और उसे कोई बीमारी भी जल्दी नहीं लगेगी
- जातक बहुत मेहनती होगा तथा कठोर परिश्रम से ही अपना भाग्य बनाएगा
- जातक शुद्ध सात्विक विचारों का होगा साथ ही माँस-मदिरा से दूर रहेगा
- पत्नी सात्विक विचारों की होगी तथा हर धर्माचरण में जातक के साथ रहेगी
- घर में सुख-शांति होगी चाहे धन बहुत अधिक न हो, मेहनत से धन कमाएगा जातक
- जातक साफ-स्वच्छ रहेगा तथा घर को भी व्यवस्थित रखना चाहेगा
- कुंडली में अशुभ शनि हो तो जातक अपने फायदे के लिए दूसरों को नुकसान पहुंचाएगा १ इसके साथ ही जातक महा आलसी होगा १ फटे-पुराने कपडे पहनेगा, घिसे जूते पहनेगा चाहे उसके पास नए कपडे जूते कितने ही हों १ नहाने में भी आलस करता है जातक अगर शनि कमजोर हो
- उसे कभी भी नौकरों का सुख नहीं मिलेगा साथ ही उसकी अपने आधीन काम करने वालों के साथ कभी नहीं बनेगी
- जातक को अपना मकान बनाने में परेशानी होगी अगर बन भी गया तो मकान में सुख से नहीं रह पायेगा कोई न कोई परेशानी बनी रहेगी
- जातक कर्ज के बोझ से निकल नहीं पायेगा १ शरीर में नसों-नाड़ियों में रूकावट के कारण दर्द रहेगा
- उपरोक्त परेशानियाँ शनि की दशा अन्तर्दशा , साढ़ेसाती में और उग्रता से बढ़ जाती हैं
for more details you may contact : jyotishsanjeevani@gmail.com
No comments:
Post a Comment