लिंग पुराण के अनुसार सबसे उत्तम व श्रेष्ठ ग्रह है शुक्र क्योंकि इस भौतिक संसार में हर चीज शुक्र से जनित है १ हर प्रकार के भौतिक सुख देने वाला शुक्र ग्रह ही है अतः शुक्र का कुंडली में बलिष्ट होना बहुत आवश्यक है १ कुछ लक्षण ऐसे हैं जिनसे पता चल जाता है कि कुंडली में शुक्र शुभावस्था में है या अशुभावस्थ में
शुभ शुक्र के लक्षण
- जिस जातक की कुंडली में शुक्र ग्रह मजबूत हो तो वो बहुत खूबसूरत होता है साथ ही देखने में अपनी उम्र से छोटा लगता है
- उसका विवाह जल्दी हो जाता है तथा उसे अपने जीवनसाथी का भरपूर सुख मिलता है
- ऑंखें बहुत सुन्दर होती हैं, नजर भी तेज होती है
- जातक सज-संवर कर रहता है, सुन्दर परिधान पहनता है और हर सुन्दर वस्तू को पसंद करता है
- जातक की त्वचा स्निग्ध और दाग- धब्बे रहित होती है
- जातक को आलू, देशी घी, दही, गोलगप्पे इत्यादि खट्टे-मीठे खाने का शोकीन होता है
- जातक अपने जीवन में हर सुख, धन-वैभव , ऐश्वर्य का उपभोग करता है
- सकारात्मक सोच का मालिक होता है और हमेशा खुश रहता है
- जातक अजीबोगरीब फैशन करता है जैसे नाख़ून बढ़ाना, अलग तरह की दाढ़ी रखना, अजीबोगरीब वस्त्र पहनना इत्यादि
- जातक लड़कियों से फ्लर्ट करेगा, आज किसी से दोस्ती कल किसी और से १ जातक का चरित्र संदिग्ध रहेगा
- विवाह जल्दी नहीं होगा और होगा तो जातक अपने साथी के प्रति reliable नहीं रहेगा १ वैवाहिक जीवन सुखी नहीं रहेगा
- उसको हमेशा धन की कमी महसूस होगी
- नजर जल्दी कमजोर हो जाएगी
यहाँ विस्तार से बताना संभव नहीं है अतः आप संपर्क कर सकते हैं - jyotishsanjeevani@gmail.com
nice and important post
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