गुरु नैसर्गिक शुभ गृह है १ लेकिन कभी-कभी अशुभ भावेश होने से, पाप भावेश होने से गुरु अपनी शुभ फल नहीं दे पाता १ अगर गुरु राहू केतु अक्ष में हो तो भी गुरु के शुभ फल नहीं मिलते १ कुछ लक्ष्णों से हम जान सकते हैं की हमारी कुंडली में गुरु ग्रह शुभ है या अशुभ १
शुभ गुरु के लक्षण
- जातक धार्मिक, आस्तिक और अच्छे विचारों वाला होगा
- जातक के मन में ईश्वर, माँ-बाप , बुजुर्गों और गुरुजनों के प्रति सम्मान होगा
- जातक वित्तीय प्रबंधन का विशेषज्ञ होगा
- जातक धर्म शास्त्रों का ज्ञाता होगा साथ ही एक अच्छा उपदेशक होगा
- जातक कभी भी अपने फायदे के लिए किसी का बुरा नहीं करेगा
- जातक घी, मिठाईयां तथा गरीष्ट भोजन खाने का शोकीन होगा
- जातक ईमानदार और परोपकारी होगा
अशुभ गुरु के लक्षण
- जातक ईश्वर की आराधना श्रद्धा से नहीं करेगा १
- गुरु अशुभ हो तो जातक से मन में बुजुर्गों के प्रति आदर नहीं होगा
- जातक धार्मिक होने का दिखावा करेगा, आडम्बर करेगा लेकिन धर्मिकता से कोसों दूर होगा
- जातक धर्म के नाम पर लोगों को ठगेगा
- जातक अपने व्यवसाय से कभी संतुष्ट नहीं होगा
- अशुभ गुरु पीलिया तथा लीवर सम्बन्धी रोग देगा
- बुजुर्गों को चाहे आप जानें यो न जानें झुककर प्रणाम करें, पैर छुएं
- गुरुजनों का सम्मान करें
- व्यर्थ के आडम्बर, दिखावे में न पड़ें, सीधे सरल रहें
- प्रभु में विश्वास रखें , गाय की सेवा करें
- अपने आचार-विचार शुद्ध सात्विक रखें
- हमेशा कुछ न कुछ सीखने को उत्सुक रहें, शास्त्रों का अध्ययन करें गुरु शुभ होगा
- कलाई में पीला धागा बांधें , केसर या हल्दी का तिलक लगायें १
guruwarke parbhav ko kam krne ka tarika
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