दक्षिण दिशा का प्रतिनिधि ग्रह मंगल है और स्वामी यम है १ दक्षिणीमुखी घर के शुभाशुभ परिणाम होंगे :-
- दक्षिणी दिशा में निर्मित घर के शुभाशुभ परिणामों का प्रभाव घर की महिलाओं पर बहुत ज्यादा पड़ता है
- मकान की दक्षिणी दिशा में स्टडी रूम हो तो पढाई में रूकावट जरुर आयेगी
- दक्षिणी दिशा में पूजा स्थल हो तो पूजा केवल दिखावे के लिए होगी उसमें भक्ति एवं श्रधा बिलकुल नहीं होगी
- दक्षिणीमुखी घर के दरवाजे के सामने कोई दीवार या घर है तो ये शुभ है, लेकिन घर के सामने कोई गड्ढा, खुला मैदान है तो ये गृहस्वामी के भाइ भारी कष्टों का शिकार होंगे
- घर की दक्षिणी दिशा घर के मालिक के लिए है १ यदि यहाँ पर कूड़ा, पुराना कबाड़ है तो वह बीमार रहेंगे तो सुख शांति कभी भी नहीं भोग पाएंगे
- मकान के दक्षिणी भाग की चारदीवारी मकान के उत्तरी भाग से ज्यादा ऊंची न हो, अनहोनी अनिष्टकारी घटनाएँ होंगी
- दक्षिणी मकान के मेन गेट अगर आग्नेय (South East) कोण में हो तो चोरभय, अग्निभय क़ानूनी विवादों में फंसने की सम्भावना रहती है
- दक्षिणी मकान के मेन गेट अगर नैर्त्य (South West ) कोण में हो तोगृहस्वामी लम्बी बीमारी, शत्रु से त्रषित रहेगा
- दक्षिणी भाग में कम से कम खाली स्थान रखें, उत्तर में खाली स्थान ज्यादा रखें अन्यथा घर की महिलाएं आपसी झगडे में पड़ी रहेंगी
- घर का दक्षिणी भाग ऊंचा रखें
- दक्षिणी मकान का मेन गेट दक्षिण में ही रखें (कम्पास से देखें )
- उत्तरी दिशा में जल का पात्र रखें
- वर्षा के पानी का निकास पूर्वी या उत्तरी दिशा से हो ऐसी व्यवस्था करें
- ऐसे गणपति का चित्र मुख्य दरवाजे के अन्दर-बाहर दोनों तरफ लगायें जिसकी सूंड दाईं ओर हो
- भैरव तथा हनुमान जी की आराधना करें
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