Sunday, 30 June 2013

पूर्व दिशा में निर्मित मकान में वास्तु दोष और निवारण

पूर्व दिशा में निर्मित मकान में सामान्यतः निम्न वास्तु दोष जाने-अनजाने हो जाते हैं :-
  • पूर्व दिशा के घर में अगर घर के बाकी भाग की बजाय पूर्व का भाग ऊंचा होगा तो गृहस्वामी दरिद्र बन जाएगा और संतान भी अल्पविकसित दिमाग की होगी 
  • पूर्व में खली स्थान ना छोड़ा जाए तो घर में पुरुष संतान की कमी होती है और होती भी है तो विकलांग होती है 
  • पूर्व दिशा के घर में अगर मुख्य द्वार अग्नेय कोण  में है तो कोर्ट-कचहरी के  विवाद, चोरी व आग का भय बना रहता है 
  • पूर्वी भाग में कूड़ा हो, गन्दगी, रोड़ी पत्थर, मिट्टी का ढेर हो तो धन व सन्तान की हानि होती है 
  • पूर्वाभिमुखी मकान की चारदीवारी ऊंची नहीं होनी चाहिए, घर का मुख्य द्वार सड़क से दिखना चाहिए नहीं तो परिवार को अत्यंत जटिल समस्याओं का सामना करना पड़ता है 
  • पूर्वी दिशा में रिक्त स्थान ना हो और पश्चिम में ऊंचा स्थान हो तो परिवार के लोग आँखों की बीमारी से ग्रस्त रहेंगे 
  • घर सड़क या गली से सटाकर बनाया गया हो और पश्चिम में खाली स्थान छोड़ा हो तो घर के पुरुष असाध्य बीमारियों से ग्रस्त रहेंगे या अकाल मृत्यु को प्राप्त करेंगे
  • घर में वास्तु दोष हो तो गृहस्वामी  के साथ-साथ किरायेदार भी परेशान रहेंगे 
उपाय 
  •  अगर संभव हो तो दोष को दूर करने का प्रयास करें नहीं तो निम्न उपाय करें 
  • पूर्व दिशा में सूर्य यन्त्र की स्थापना करें
  • पूर्वी दरवाजे पर मंगल तोरण लगायें 
  • घर के सभी लोग सूर्य को अर्घ्य दें, क्योंकि पूर्वी दिशा का प्रतिनिधि सूर्य है १

Friday, 28 June 2013

साधारण से वास्तु नियम


कई बार जाने-अनजाने ऐसी भूल हो जाती है जो घर में रहने वालों के सुख-समृधि में बाधा  उत्पन्न करती है   और ये छोटी-छोटी गलतियाँ घर की सुख-शांति को भंग करने के साथ-साथ घर की सुख- समृधि को भी रोकती है :-
  • मुख्य द्वार के सामने इलेक्ट्रिक खम्बे, टेलीफ़ोन के पोल, वृक्ष इत्यादि नहीं होने चाहिए १ ये परिवार की वृद्धि एवं समृधि को रोकते हैं 
  • जब दरवाजे खोलते या बंद करते हैं तो आवाज नहीं होनी चाहिए घर में अशुभता आती है 
  • घर में पानी के नल टपकने नहीं चाहिए १ घर के सामने पत्थर या ईंट का ढेर नहीं होना चाहिए ये बच्चों के लिए हानिकारक है 
  • अगर आपने कोई भूखंड खरीदा है और उसकी चारदीवारी करवाई है तो उसका गेट दीवार से ऊंचा नहीं होना चाहिए ये गृह्स्वामी की उन्नति में बाधा पैदा करेगा 
  • घर के दक्षिण- पूर्व में कोई स्थाई गड्ढा या पानी का अंडरग्राउंड टैंक है तो घर के मुखिया को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा 
  • किसी मंदिर, पेड़, पहाड़ की छाया घर पर नहीं पड़नी चाहिए घर के मुखिया की उन्नति में बाधक होगा साथ ही स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल असर पड़ेगा 
  • घर की छत का ढलान पूर्व या उत्तर की और होना चाहिए 
  • कांटेदार  पेड़ या कैक्टस घर में न लगायें 
  • केला, नीम्बू,अनार के पेड़ कभी भी घर के आस-पास न लगायें ये धन तथा बच्चों के लिए ख़तरनाक है 
कुछ सामान्य उपाय:
  • द्वार पर कोई वेध हो तो संभव हो तो हटा देना चाहिए 
  • घर को हमेशा साफ रखें १ टॉयलेट बाथरूम अनिवार्य  रूप से साफ करने चाहिए 
  • प्रतिदिन खाना पकाया जाये तो अग्नि देवता को भोग लगाना चाहिए साथ ही गाय, कव्वे , कुत्ते के लिए भी ग्रास निकलना चाहिए 
  • संध्या दीपक जलाना  चाहिए, सुबह शाम घर में पूजा -पाठ अवश्य होना चाहिए 
  • सूर्य का प्रकाश घर के हर कोने में पहुंचे  ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए 
  • तुलसी हर घर में होनी चाहिए 
  • घर में बड़े-बुजुर्ग व अथिति का सम्मान अवश्य करना चाहिएअन्यथा घर शापित हो जाता है 
For more details you may contact me on jyotishsanjeevani@gmail.com

 

Thursday, 27 June 2013

दुकान या ऑफिस में वास्तु दोष और उपाय


        वास्तु शास्त्र एक गहन विषय है और इसका  निवास स्थान के साथ-साथ व्यवसाय और व्यापार से भी गहरा सम्बन्ध है १ अतः दुकान, ऑफिस, फैक्ट्री या फिर  शोरूम खोलना है तो वास्तुकला का अध्ययन अवश्य  कर लेना चाहिए १ कभी-कभी छोटी सी गलती होने से जातक को मेहनत का फल नहीं मिलता १ निम्न का ध्यान रखने से जातक अपने  व्यवसाय में अच्छा लाभ प्राप्त करता है :-
  •  दुकान या ऑफिस या कोई भी व्यापारिक संस्थान पूर्व दिशा में है तो यह बहुत उत्तम है १ 
  • यदि  पश्चिम दिशा में है तो व्यवसाय में कभी तेजी और कभी मंदी रहेगी 
  • उत्तरमुखी दुकान या ऑफिस या कोई भी व्यापारिक संस्थान से  धन-धान्य की वृद्धि होती है १ मान सम्मान बढ़ता है 
  • दक्षिण  दिशा में दुकान या ऑफिस या कोई भी व्यापारिक संस्थान हो तो जातक की दशायें अगर ख़राब हों तो व्यापार में बाधाएं आती हैं १ लेकिन अगर जातक की कुंडली में राहु बलिष्ट या शुभ हो तो दक्षिण  दिशा में दुकान या ऑफिस या कोई भी व्यापारिक संस्थान अत्यंत लाभ देता है 
  • अगर आपकी दुकान या ऑफिस या  व्यापारिक संस्थान में  वास्तु दोष हो अर्थात दुकान की दीवारें तिरछी हों, एक छोटी और एक बड़ी दीवार हो तो मालिक को अशांति बनी रहेगी, व्यापार नहीं चलेगा १ इसके लिए वास्तुविज्ञ से परामर्श करके विधि पूर्वक श्रीयंत्र की स्थापना करा लेनी चाहिए १ 
  • दुकान या ऑफिस के प्रवेश द्वार पर कोई अवरोध नहीं होना चाहिए, यदि है तो  समतल होना चाहिए १ ढलान वाला अवरोध है तो लक्ष्मी स्थिर नहीं रहेगी १
  •  दुकान या ऑफिस या किसी  भी व्यापारिक संस्थान का मुहूर्त स्थिर लगन में करना चाहिए १ ज्योतिषाचार्य से चन्द्र और नक्षत्र आदि का विचार करके मुहूर्त निकलवाना चाहिए १ 
  • शुभ मुहूर्त में सबसे पहले अपने कुलदेवता, स्थान देवता, इष्ट देवता का ध्यान करते हुए विघ्न नाशक भगवन गणपति की स्थापना करनी चाहिए १ 
  • गौमुखी दुकान धन और लाभ की दृष्टि से उत्तम होती है 
  • किसी बीम के नीचे ऑफिस या दुकान नहीं होनी चाहिए, यह जातक के लिए प्रतिकूल परिस्थिति पैदा करेगा और चलते कम में रूकावट देगा, अगर संभव नहीं है तो बीम के दोनों ओर  हरे रंग के गणपति लगायें १ 
उपरोक्त के अतिरिक्त अनेकों दोष और उनका निवारण है जो यहाँ लिखना संभव नहीं है १ अधिक निशुल्क  जानकारी के लिए आप मेरे ई -मेल एड्रेस पर कांटेक्ट कर सकते हैं :- jyotishsanjeevani@gmail.com

Wednesday, 26 June 2013

वास्तु सम्बन्धी जिज्ञासा और वैज्ञानिक समाधान

पूर्वाभिमुख मकान अधिक शुभ क्यों ?

सूर्य जब उदय होता है तो सम्पूर्ण संसार में प्राणाग्नि का संचार होता है १ सूर्य पूर्व में उदय होकर पश्चिम में अस्त होता है और सूर्य ऊर्जा का प्राकृतिक स्त्रोत है १ सूर्य की प्रातः कालीन किरणें पूर्वाभिमुख मकान पर पड़ती हैं तो पूरा घर ऊर्जामय हो उठता है १   प्रातः कालीन किरणों में विटामिन D की प्रचुरता रहती जिसका अधिक से अधिक लाभ पूर्वाभिमुख मकान को मिलता है १  चुम्बकीय किरणें उत्तर से दक्षिण की तरफ प्रवाहित होती हैं अतः पूर्व और उत्तर का क्षेत्र  अधिक खुला रखने से पूर्वाभिमुख मकान को बिना किसी रूकावट के शुद्ध, प्रदुषण रहित वायु मिलती है १ घर का मुख्य द्वार खोलते ही सूर्य भगवान के दर्शन होते हैं तो  मन सकारात्मक ऊर्जा से भर उठता है १ 

दक्षिणी -पश्चिमी  भाग में अधिक भार क्यों ?
 
माकन के दक्षिणी -पश्चिमी  भाग में सीढियां बनाना, भारी मशीनरी, भारी सामान रखने का मुख्य कारण  यह है कि  जब पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती हुई दक्षिण दिशा में पहुंचती है तो वह एक विशेष कोणीय स्थिति में झुक जाती है १ दक्षिण में भार होने से इस क्षेत्र का संतुलन बना रहता है तथा सूर्य की गर्मी इस भाग में होने के कारण इस गर्मी से भी बचा जा सकता है १ 

रसोईघर  आग्नेय कोण में क्यों ?

आग्नेय कोण में रसोई बनाने का प्रमुख करण  यह है कि सुबह पूर्व से सूर्य की विटामिन  युक्त स्वच्छ किरणें दक्षिण क्षेत्र की वायु के साथ घर में प्रवेश करती हैं १ पृथ्वी  सूर्य की परिक्रमा उत्तर से दक्षिण की ओर करती है अतः अग्नि कोण में  अधिक विटामिन D एवं विटामिन F से युक्त सूर्य की किरणेंअधिक समय तक मिलती हैं जिससे रसोई के खाद्य पदार्थ शुद्ध रहते हैं १ इसके अतिरिक्त सूर्य की गर्मी से रसोईघर की नमी के कारण उत्पन्न हानिकारक  कीटाणु भी नष्ट होते हैं १ 

पूजा स्थल ईशान कोण में क्यों ?

पूजा स्थल ईशान कोण में रखने का कारण  यह है कि पूजा करते समय शरीर पर अधिक वस्त्र नहीं होते अतः प्रातःकालीन सूर्य किरणों से शरीर को विटामिन D स्वतः ही मिल जाता है १ उत्तरी क्षेत्र से पृथ्वी की चुम्बकीय उर्जा का प्रभाव भी इस दिशा को पवित्र बनाता है और हमें  पूजा का फल शीघ्र मिलता हैं साथ ही अलोकिक शक्ति तथा ऊर्जा मिलती है १

Tuesday, 25 June 2013

गृह निर्माण से सम्बंधित कुछ शुभाशुभ योग

गृह निर्माण से सम्बंधित कुछ अन्य शुभाशुभ योग भी हैं जो बताते हैं कि जिस घर का हम निर्माण कर रहे हैं वह गृहस्वामी के लिए शुभ रहेगा या अशुभ :-
  • गृह निर्माण के समय की कुंडली में लगन में गुरु हो, सूर्य छठे भाव में हो, बुध सप्तम भाव में हो शनि तीसरे भाव में हो तो घर की आयु लम्बी होती है 
  • लगन में शुक्र, दसम में बुध, एकादश में सूर्य और केंद्र में गुरु घर की आयु बढ़ाते हैं 
  • गृह निर्माण के समय की कुंडली में लगन में उच्च का शुक्र हो, चतुर्थ भाव में उच्च का गुरु हो, एकादश में उच्च का शनि हो , इनमें से एक भी योग हो तो घर गृहस्वामी के लिए शुभ रहेगा और अथाह संपति का मालिक बनाएगा 
  • यदि गुरु निर्माण कार्य शुरू होने के समय उत्तरफागुनी, उत्तराषाढ़ा ,उत्तरभाद्रपद , रोहिणी, पुष्य, मृगशिरा, श्रवण , अश्लेषा अथवा पूर्वाषाढा नक्षत्र में स्थित हो और गुरूवार हो तो यह योग गृहस्वामी को वृद्धि और सन्तति देगा 
  •  गृह निर्माण के समय की कुंडली में  शुक्र अश्विनी, चित्रा, विशाखा, आर्द्रा, धनिष्ठा अथवा शतभिषा  नक्षत्र में हो और शुक्रवार हो तो यह योग गृहस्वामी को वैभव, ऐश्वर्य , धन सम्पति और समृधि देगा 
  • यदि मंगलवार हो, हस्त, पुष्य, रेवती, मघा अथवा मूल नक्षत्र हो और निर्माण कार्य मंगलवार को आरंभ हो तो यह योग अग्नि के कारण हानि देगा १ मंगलवार अपने आप में ही निर्माण कार्य के लिए अशुभ माना जाता है अगर उपरोक्त नक्षत्र भी मिल जांए तो अशुभता में और वृद्धि हो जाएगी 
  •  यदि गुरु निर्माण कार्य शुरू होने के समय शनि - पूर्वाभाद्रपद, उत्तरभाद्रपद, ज्येष्ठा, अनुराधा , स्वाति अथवा भरणी नक्षत्र में स्थित हो और निर्माण के वक्त शनिवार हो  तो यह योग गृहस्वामी को बुरी आत्माओं से भय देगा 
अतः मकान का निर्माण आरम्भ  करने से पूर्व सूर्य, चन्द्रमा, गुरु और शुक्र का बल अवश्य देख लेना चाहिए १

For more information you may contact:  jyotishsanjeevani@gmal.com

Monday, 24 June 2013

गृह निर्माण शुरू करने से पूर्व ध्यान रखने योग्य बातें

गृह निर्माण शुरू करने  से पूर्व निम्न बातों का  ध्यान रखना चाहिए १
  • निर्माण का आरंभ रविवार और मंगलवार को नहीं करना चाहिए १ 
  • गृह निर्माण रिक्ता  तिथियों में (4 /9 /1 4 ) में शुरू नहीं करना चाहिए 
  • द्विस्वभाव राशी (3 /6 /9 /1 2 ) में सूर्य गोचर करे तो निर्माण कार्य शुरू नहीं करना चाहिए 
  • गोचर का गुरु अस्त हो तो भी निर्माण कार्य शुरू नहीं करना चाहिए  घर में भयंकर वास्तू दोष उत्पन्न हो जायेगा साथ ही घर में भूत प्रेत का प्रकोप भी हो सकता है १ 
  •  यदि चन्द्र नक्षत्र , सूर्य  के नक्षत्र से  5 वें   ,7 वें  , 9 वें ,  1 2  वें , 1 9  वें   और 2 6  वें   पड़ता है तो इसका अर्थ है भूमि सो रही है अतः भूमि की खुदाई इन दिनों  में नहीं करनी चाहिए १
  • नींव रखना नींव खोदने से भिन्न है १ नींव का पत्थर ईशान कोण  अथवा   आग्नेय कोण में रखना  चाहिए 
  • नींव रखने के लिए सभी स्थिर नक्षत्र तथा मृदु नक्षत्र  उत्तम होते हैं १ 
  • फाल्गुन, श्रावण मार्गशीष, पौष, वैशाख के महीने निर्माण शुरू करने के लिए श्रेष्ठ होते हैं 
  • वास्तु शास्त्री से वास्तु चक्र शुद्धी भी अवश्य करा लेनी चाहिए निर्माण कार्य आरम्भ करने से पहले 
  • रिक्त तिथि के साथ -साथ अमावस, अष्टमी तिथि को भी निर्माण शुरू नहीं करना चाहिए १  
  • चर राशियों (1 ,4 ,7 ,1 0 ) की  लग्न में निर्माण कार्य शुरू न करें 
  • निर्माण कार्य शुरू करते समय शुभ ग्रह 4 ,8 में नहीं होने चाहिए १ 
  • गृहस्वामी के जन्म चंद्रमा से गोचर का चन्द्रमा 4 /8 /1 2  में स्थित नहीं होना  चाहिए यह उसकी पत्नी के लिए अमंगलकारी हो सकता है १ 

For more details and free consultation please contact : jyotishsanjeevani@gmail.com

Sunday, 23 June 2013

वास्तु शास्त्र के कुछ महत्वपूर्ण नियम

वास्तुशास्त्र मानव जाति के लिए एक बहुमूल्य उपहार है १ एक अच्छे  वास्तुकार का कार्य  आधुनिक सुख सुविधा से पूर्ण एक ऐसे भवन के निर्माण में अपना सहयोग देना है जो उसमें रहने वाले को सुख-समृधि दे सके,   भवन की सरंचना  में किसी तरह की क्षति पहुंचाए बिना भवन की सकारात्मक ऊर्जा को  बढाकर इसमें रहने वालों  को सुख- समृधि, सम्पति, मन की शांति प्रदान कर सके १ 

वास्तुशास्त्र के कुछ मूल नियम हैं :-

  • भूमि खरीदने से पहले वास्तु जानकार द्वारा वास्तु नियमों के अनुसार भूमि के आकर और प्रकार की जाँच करा लेनी चाहिए 
  • मकान इस तरह से बनाया जाये कि उसमें   प्राकृतिक प्रकाश, स्वच्छ हवा और सुबह के सूर्य की किरणें आ सकें 
  • फैक्ट्री, वर्कशॉप, मिल या स्कूल का मुख्य द्वार  कोने में नहीं होना चाहिए 
  • दरवाजे  के सामने किसी तरह का अवरोध नहीं होना चाहिए 
  •  दरवाजे के सामने ऊँचे वृक्ष नहीं लगाने चाहिए 
  • रसोईघर, generator, transformer,  या आग से सबंधित कोई वस्तु अग्निकोण में  होनी चाहिए 
  •   पार्किंग की व्यवस्था  उत्तर-पश्चिम कोने में होनी चाहिये
  • वर्षा का जल या संचित जल का प्रवाह उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए 
  • पूजा करने वाले का चेहरा उत्तर -पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए 
  • टॉयलेट, मेनहोल के गंदे पानी का निकास उत्तर-पश्चिम कोने में होना चाहिए
  • गृह  निर्माण के बाद  धार्मिक रीती से वास्तु पूजा, नवग्रह पूजा, ब्राह्मणों को भोजन तथा दक्षिणा आदि देकर प्रसन्न करना चाहिए 
  • शास्त्रानुसार भवन निर्माण का दसवां भाग भवन जागरण के लिए धार्मिक अनुष्ठान पर खर्च किया जाना चाहिए  
वास्तु से सम्बन्धित किसी भी सलाह के लिए संपर्क करें :- jyotishsanjeevani@gmail.com

Saturday, 22 June 2013

केदारनाथ धाम पर लोगों की सामुहिक मृत्यु क्यों हुई ?

        
          केदारनाथ धाम पर लोगों की सामुहिक मृत्यु कुदरत का कहर है १  जिन के परिजन /सम्बन्धी  इस त्रासदी के शिकार हुए हैं उनके लिए मैं अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करती हूँ १ प्रकृति से खिलवाड़ करना हमेशा मानवता पर भारी पड़ा है और  इस बार भी ऐसा ही हुआ है १ हम सभी का यह प्रयास रहना चाहिए कि  हम प्रकृति के, कुदरत के विपरीत न चलें १ हमारे पर्यारणविदों का कर्तव्य है कि वे लोगों को इस विषय में जागरूक करें १

            ज्योतिषीय दृष्टि से  इस तरह की त्रासदी हम देखें तो समूह का कारक ग्रह  है शनि है और धर्म का कारक ग्रह  गुरु है १ जिनकी जन्म कुंडली में गुरु शनि किसी भी तरह (दृष्टि /युति /स्थिति ) से सम्बन्ध बनाये तो उन्हें समूह में किसी धर्म स्थान पर नहीं जाना चाहिए १ अतः तीरथ स्थान पर जाने से पहले अपनी जन्म कुंडली में गुरु शनि की स्थिति अवश्य दिखवा लें १ अगर कुंडली में गुरु शनि (दृष्टि /युति /स्थिति ) से सम्बन्ध बन रहा हो, दशा अन्तर्दशा भी गुरु शनि की चल रही हो और ये मारक (२/७ भाव) /बाधक  भावों से संबध बनाये तथा गोचर के गुरु शनी भी मारक/बाधक भावों को ले लें तो जातक की किसी धर्म स्थान में समूह में मृत्य होती है १

          अगर उपरोक्त योग किसी की कुंडली में बन रहें हों तो धार्मिक स्थानों पर समूह में जाने से बचना चाहिए तथा उपयुक्त परिहार भी करा लेना चाहिए १

निशुल्क परामर्श के लिए संपर्क करें :-  jyotishsanjeevani@gmail.com

Thursday, 20 June 2013

अपना घर/जमीन के योग

            आधुनिक समय में संयुक्त  परिवार की बजाय एकल परिवार का चलन बहुत बढ़ गया है १ हर व्यक्ति अपना एक अलग अशियाना बनाना चाहता है १ कुछ  ऐसे योग होते हैं कुंडली में जो हमें आसानी से अपने घर का सुख दिलाते हैं:- 

  • अगर लग्नेश स्वगृही हो, उच्च का हो और लग्नेश की दशा चल रही हो तो उस समय घर या जमीन खरीदने के योग बनते हैं १ 
  • चतुर्थेश की दशा हो और जन्म कुंडली में चतुर्थेश सप्तम भाव में स्थित हो तो जमीन खरीदने के योग बने हैं १ 
  • यदि चतुर्थेश नवम भाव में स्थित हो तो भी अपने घर के योग बनते हैं १ 
  • चतुर्थ भाव में यदि शनि हो तो पुराने घर के योग होते हैं १ 
  • चतुर्थ भाव में मंगल स्थित हो तो घर बनाने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है 
  • भाग्येश व दशमेश चतुर्थ भाव में हों तो उत्तम मकान के योग बनते हैं १ 
  • लग्नेश व एकादशेश की युति चतुर्थ भाव में हो तो एक से अधिक मकान होते हैं जातक के पास १ 
  • चतुर्थ भाव में सिंह राशी का सूर्य हो तो भी मकान  अपना मकान बनाने /खरीदने में बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है १ 
         इसके आलावा भी बहुत से योग होते हैं जिनका विस्तार से विवरण देना यहाँ संभव  नहीं है १  उपर्युक्त दुर्योगों से बचने के लिए मंगलवार और रविवार को सांड को गुड  खिलाना चाहिए १ 
 
उपयुक्त परामर्श के लिए संपर्क करें :- jyotishsanjeevani@gmail.com

Wednesday, 19 June 2013

Longevity of Marriage

  • When we match the horoscope the minimum longevity of the marriage should be atleast twenty years.
  • First is Longevity of both the boy and the girl should be analysed.
  • Second is Dosha Samayam.  One should compensate others. If the native is having weakest 8th House then it should be matched with horoscope whose 8th house is strong.  Longevity will increase.
  • Dosha Samyam means balancing the doshas prevalent in both the horoscope to compensate each other.
  • It is to be seen for Lagna, 2nd House, 4th House, 7th House, 8th House and 12 House. Particularly, 7th House and 8th House are must.
  • 8th House talks of longevity and in both the horoscope matching of 8th House is very important for Longevity of Marriage.
  • 7th House matching is secondary. 7th house talks about the quality of spouse, colour of spouse, disposition of the spouse. placement of Rahu, Ketu and Saturn is considered malefic. Sun and Mars placed in this house are also considered very bad.
  • Widow and widowerhood is also to be seen from the 7th house. The strength of 7th house and 7th Lord definitely a native will have a good long married life.
  • In third place comes 4th House. 4th House should necessarily tally between the couple to guarantee atleast stetchable life for both of them otherwise one will suffer in whole life.
  • The sudden termination of marriage occurs when malefic planets afflict the 7th Lord. 7th house has got connection to the 6th House, 8th House mishappenings are due to accident and illness respectively.
       Any affliction coming to the 7th house or 7th lord needs some Dosh Nivaran. For these Dosh Nivaran and Kundali Milan you may contact me at my e-mail address:  jyotishsanjeevani@gmail.com

Tuesday, 18 June 2013

Quotes for inspiration by Great thinkers

  • Positive anything is better than negative nothing
  • Think like a man of action and act like a man of thought.
  • If you wish to reach the highest, begin at the lowest.
  • the action of men are the best interpreters of their thought.
  • Life is a tragedy for those who feel; Life is a comedy for those who think
  • Always do what you know to be the best, even if it is;  the most difficult thing to do.
  • Good ideas are the roots of creation
  • For they conquer, who believe they can.
  • All can be done if the God touch is there.
  • Let you Faith be Pure, candid and perfect.
  • Light, endless light, Darkness has room no more.

Monday, 17 June 2013

विवाह निश्चित करते समय ध्यान रखने योग्य बातें

           विवाह दो आत्माओं के मिलन के साथ-साथ दो परिवारों का भी मिलन  होता है १ विवाह प्राचीन कल से एक पवित्र संस्कार माना  गया है १ विवाह के बाद घर में सुख  समृधि  आये, परिवार में वृद्धि हो, भावी दम्पति का वैवाहिक जीवन दीर्घकालीन हो, इसके लिए विवाह निश्चित करते समय कुछ खास  बातों  का ध्यान रखना चाहिए :-

  •  वधु  के गोत्र, वर के गोत्र और वर की माता के गोत्र की तीन पीढ़ियों में से न हो १ 
  • दो सगे भाइयों का विवाह, दो सगी बहनों से ना करें १ 
  • विवाह के बाद छ: महीने तक कोई मंगल कार्य ना करें १ अगर माघ महीने में मंगल कार्य हो तो चैत्र महीने में दूसरा मगल कार्य कर सकते हैं १ 
  •  ज्येष्ठ पुत्र का विवाह जयेष्ठ पुत्री के साथ ज्येष्ठ मास में कदापि नहीं करना चाहिये १ 
  • पुत्र-वधु के घर में प्रवेश के बाद छ: महीने से पहले कन्या की विदाई नहीं करनी चाहिए १ 
  • गुर, शुक्र अस्त चल रहें हों, मल मास चल रहा हो तो विवाह करना वर्जित है १ 
  • जब सूर्य अपनी नीच राशी में चल रहा हो तो भी विवाह टालना चाहिए १ 
  • जन्म पत्री मिलान शास्त्रीय विधि से करना चाहिए १ 
  • वर-वधु की महादशा की संधियों में किया गया विवाह जीवन में गंभीर परेशानियाँ लेकर आता है अत: इसका ध्यान रखना चाहिए १ 
  • नक्षत्र के आरम्भ और अंत में विवाह न करें १ 
  • गुरु सिंह राशी में गोचर कर रहा हो तो भी विवाह न करें १ 
  • लड़का-लड़की दोनों विवाह योग्य हों तो लड़की का विवाह पहले करें १ 
  • दो सगे बहन भाई के विवाह में कम से कम छ: महीने का अन्तराल हो १
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें:   jyotishsanjeevani@gmail.com

Sunday, 16 June 2013

Grahas and profession

       कुंडली में दशम भाव सबसे महत्वपूर्ण भाव है क्योंकि यह जातक का कर्म भाव है १ जातक का profession and gain in profession  दशम भाव से ही देखा जाता है १ दशम भाव में शुभ ग्रहों की स्थिति से जातक को मनपसंद नौकरी या व्यवसाय मिलेगा १ अशुभ ग्रहों की स्थिति जातक को नौकरी या व्यवसाय में स्थिरता तथा मानसिक संतुष्टि नहीं मिलेगी १ दशम भाव की सही  potency देखने के लिए हमें चन्द्र से दशम भाव, लगन से दशम भाव तथा सूर्य से दशम भाव का विश्लेषण करना होगा १ वर्ग चार्ट में डी-१० (दशमांश) को देखना होगा तभी हम एक जातक की व्यावसायिक उपलब्धियों, शारीरिक क्षमताओं, मानसिक संतुष्टि तथा नौकरी या व्यवसाय में आने वाले stress तथा tension को झेल पाने की समर्थता और असमर्थता के बारे में बता पाएंगे १
         नौकरी या व्यवसाय क्या होगा ये हम दशम भाव /दशमेश तथा दशम भाव में स्थित ग्रहों आधार पर ही बता सकते हैं १ कुछ examples हैं :-
Sun : Govt. associated jobs  , plantation, forestry, honey production, Commission Agents, Tea and Coffee plantation, surgery and surgical items, connection to foreign Govts. etc.
Moon: Import-Export, Water associated work, Tours and travels, Dairy farming, Milk and Milk products, Psychological and associated work, Fisheries, Manufacturing  liquor and wine etc.
Mars: Bricks and Bhattas,  stone, crush, injection, Electrical works, Energy associated work ( related to atom, neutron), Nuclear energy associated works, Fire work, Crackers, Surgeon, Police, Army Officer, IAS Officer, Property dealing, Builders, Sports man, Mechanical works etc.
Mercury:  Commission Agent, Writers, Book Sellers, Communication & Telecommunication, Electronics Items, Computer associated trade, Mathematician, Statisticians,Lawyers, Research associated works, Drama & acting, Skin associated problems etc.
Jupiter:  Gold trading, Sugar & sugarcane, Vedic scripture, Professor, Managment, First grade Officer, Judiciary, Purohit,  NGO's associated work, Micro-bio-technology, Vedant etc.
Venus:  Artificial creation of anything, Hotel Management, jewellery, make-up, cosmetics surgery, precious clothes, audio-visual, Mass-communication, Media, Film & TV, Music(instrumental), Air hostess, Pilots, ready made garments , Amusement park, Restaurants, Plastic associated work, Mirror/Glass associated work, Modeling etc.
Saturn: Space, Iron, Minerals, Gas, Coal, Ship craft, aeronautics, Hardware, Crime, Criminology, Labour contractor, Law and order, Astronomy, Rubber & associated works, Leather and associated works, Oil associated works, Placement Agencies, Cassino, Gambling, Jute and associated production.
Rahu: Poisonous Gas, Jail suppliers, hackers, Pathologists, Smugglers, Micro software, Lab Assistant,Jugglers (जाली नोट बनाना) Wireless services etc.
Ketu: Black magics, Illicit liquor, Surgical implants Micro-chips, Radiologists,  Test-tube, Beakers Scientific apparatus etc.

उपरोक्त  विवरण के आलावा ग्रहों की युति, दृष्टि से ऐसे बहुत से कॉम्बिनेशन बनते हैं जो जातक के career को एक दिशा देते हैं क्योंकि आधुनिक समय में career में अनंत संभावनाएं हैं जिसमें से एक ऐसा field चुनना, जिसमें जातक उन्नति के शिखर को छूए, जातक के लिए, साथ ही अभिभावक के लिए बहुत मुश्किल है १ एक ज्योतिषी इसमें आपकी बहुत मदद कर सकता है १
     For free  consultation pl go on : jyotishsanjeevani@gmail.com

Saturday, 15 June 2013

ग्रह और शिक्षा

       आज विद्या का स्वरुप बदल गया है १ अब विद्या शिक्षा के रूप में परिवार्तित हो गयी है १ आज समय की बहुत कमी है १ हर अभिभावक अपने बच्चे को ऐसी शिक्षा दिलाना चाहता है जो उसके  व्यावसायिक जीवन को उन्नत करे १ ऐसी शिक्षा जो बच्चे के career में सहायक बने १ किसी भी बच्चे की कुंडली देखकर ये बताया जा सकता है कि वह किस विषय में पढाई करे जो आगे चलकर उसके career में सहायक बने-  जैसे टेक्निकल या नॉन टेक्निकल , आर्ट्स या साइंस या फिर कॉमर्स १ इस उलझन  में एक ज्योतिषी आपकी बहुत सहायता कर सकता है १ उदहारण के लिए :-

चतुर्थ/पंचम  भाव में स्थित ग्रहों के अनुसार हम जान सकते हैं कि बच्चे की किस विषय में अधिक रूचि है १ 
  • सूर्य चन्द्र : राजनीतिशास्त्र , राजनीती 
  • सूर्य बुध शुक्र : General Science
  • सूर्य शनि राहू : Math, Phisics
  • सूर्य मंगल : IAS & other competitive exam
  • सूर्य चन्द्र शनि : कला क्षेत्र (Art side)
  • सूर्य शनि :Non-medical
  • सूर्य मंगल चन्द्र : Maths, Statistics
  • मंगल चतुर्थ भाव में :  खेलकूद 
  • चन्द्र मंगल सूर्य  : Medical Science 
       इस तरह से अनेकों ऐसे योग हैं जिनका सम्बन्ध दसम भाव  में स्थित ग्रह नक्षत्र से हो जाये तो जातक  एक विशेष (Specific) क्षेत्र (field ) में अपना Career  बना सकता है १  जैसे दशम भाव में सूर्य केतु का संबंध आये तो जातक Computer languages में expert होता है १ इसी तरह से अनेकों योग हैं जो यहाँ उल्लेख करना संभव नहीं है १ एक जातक की जन्म कुंडली का अध्ययन करके ही उचित परामर्श दिया जा सकता है क्योंकि पढाई के समय चल  रही दशान्तार्दशा का बहुत बड़ा रोल होता है शिक्षा प्राप्ति में १ दु:स्थानों के भावेशों की दशा शिक्षा में कई तरह की अडचनें दे सकती है, जातक गलत संगत  में पड़ सकता है जिन्हें उचित उपायों से कम या दूर किया जा सकता है १ 

नि:शुल्क परामर्श के लिए संपर्क करें :  jyotishsanjeevani@gmail.com



Friday, 14 June 2013

कुंडली में ख़राब गुरु व शुक्र के उपाय

अगर कुंडली में  गुरु व शुक्र ख़राब हो तो निम्न  उपाय करें :-
  • शास्त्रानुसार कुंडली में शुक्र ख़राब हो तो तुमने किसी स्त्री के साथ धोखा किया होता है अतः इस  जन्म में स्त्रियों का आदर करें १ अगर इस जन्म में किसी को कष्ट या हानि पहुंचाई है तो उस स्त्री से क्षमा मांग लें शुक्र का शुभ परिणाम मिलने लगेगा १ शुक्र ख़राब हो तो पत्नी का सुख नहीं मिलता, एशो आराम के साधन नहीं जुटते १ वहां सुख नहीं मिलता १  
  • सौ गायों को हरा चारा एक साथ खिलाएं शुक्र  मजबूत होगा १ 
  • साफ स्वच्छ वस्त्र पहने शुक्र की शुभता के लिए
  • कुंडली में गुरु खराब हो तो किसी एक बच्चे की शिक्षा की जिम्मेदारी लें १ अगर पुरुष है तो लड़की की और यदि स्त्री है तो लड़के की १ प्रभु का आशीर्वाद मिलेगा तथा आने वाली पीढ़ी में कोई भी शिक्षा विहीन नहीं रहेगा १ 
  • किसी मंदिर के निर्माण कार्य में सहयोग करें १ घर में सुख समृधि बनी रहेगी और दैवी कृपा मिलेगी १ गुरु बलिष्ट होगा १ 
  • विद्वानों का आदर करें १ कभी-कभी उपहार दें १ गुरु मजबूत होगा १
  • किसी की आलोचना, ईर्ष्या , निरर्थक प्रतिस्पर्धा से राहू केतु बलवान हो जातें हैं और हमें गुरु शुक्र ग्रह का शुभ परिणाम नहीं मिल पाता  १ 
  • उपरोक्त व्यवहार से शनि भी कुपित हो जाता है इसलिए अपने आचरण को बदलें, सकारात्मक सोच रखें, गरीबों की सहायता करें  तथा हर किसी में ईश्वर को देखें १ प्रभु का आशीर्वाद मिलेगा १ विद्या बुधि और ज्ञान की वृद्धि होगी १
निशुल्क परामर्श के लिए सम्पर्क करें -- jyotishsanjeevani@gmail.com

Thursday, 13 June 2013

जब अचानक धन हानि होने लगे तथा गृह कलेश बढ़ने लगे : उपाय

  • जब अचानक धन हानि होने लगे तथा गृह कलेश बढ़ने लगे , घर में सीलन, धूल,गंदगी रहने लगे, पेड़-पौधे सूखने लगें, नौकर घर में न टिकें तो ऐसा घर राहू से ग्रसित होता है १ घर में खुशियाँ नहीं रहती, बीमारियाँ भी परेशान करने लगती हैं १ अगर ऐसा  है तो शनिवार को जौ दूध में धोकर पानी में बहाएँ १ 
  • कुछ मकान भूमि दोष से पीड़ित होतें हैं ऐसे में गायत्री महामृतुन्जय का यज्ञ कराएं १ 
  • अष्टमी तिथी को श्रीसूक्त का पाठ करें १ 
  • कभी-कभी निशुल्क दवाएं बाटें १ 
  • जो लोग राहू की दशान्तार्दशा से गुजर रहें हों उन्हें माँ दुर्गा की आराधना करनी चाहिए 
  • दिन की शुरुआत हमेशा अपने ईष्ट की पूजा से करनी चाहिए १ 
  • मिश्री, काली दाल, चाँदी का टुकड़ा, हल्दी की गांठ की पोटली बनाकर मुख्य दरवाजे पर टाँगें १ 
  • सुबह उठते ही मुख्य दरवाजे पर जल छिड़ककर हल्दी से स्वस्तिक बनायें १ 
  • अपने आचार-विचार शुद्ध रखें, किसी को धोखा न दें, किसी का धन न हड्पें १ 
  • अपने फायदे के लिए किसी और का नुक्सान न करें 
  • घर की बहन,बुआ, बेटी का दिल न दुखाएं 
  • जानें-अनजानें हुए पाप का प्रायश्चित करें १ 
उपरोक्त बातों का ध्यान रखें तथा धैर्य रखेंगे तो आपको अवश्य ही सुख शांति और समर्धि मिलेगी १

अधिक जानकारी के लिए इस मेल आईडी पर मेल करें --- jyotishsanjeevani@gmail.com

Wednesday, 12 June 2013

Importance of Sun in Janm Kundali in regards to Profession

            In ancient times, there was monarchism. Sun represented the King.  Profession was due to benevolence of the the Kings and therefore Sun was the Karak for profession. Now, it is democracy and the age of privatization, therefore Satrun has got more importance, but Sun is also necessary for profession because:-

  • Sun is the Prince graha. All other planets get enregy from Sun.  As the profession depends on energy, Sun was the Karak for profession. Sun also represents Govetrnment and Boss.  Even now, govt. and boss influence the profession, so the role fo sun again becomes important.
  • If Sun is weak, there may be Govt. related problems and premanency of the profession may not be there.
  • Sun in 6th House is good as far as professinal growth is concerned.
  • Sun in 10 house gives profession in Govt. organisations.
  • Sun, Jupiter and Mars are Raj Grahas, these when connected with 10 House indicates Govt. associated works.
  • When Sun associated with 6 house- IAS, IRS, IFS competitive Govt. associated professsion.
  • Sun in 6th House is not a dosha.  It does not diminishes benefic tendencies.  It is excellent for Govt. favours, positive attitude. Even if the native joins at lower rank, he may retire at a very high position.
  • Sun in 6th House growth and progress in profession. It gives innovative ideas which are very much necessary for career.
  • Sun Gives directional strength in profession to the native.
Dasha of Sun:

  • Sun is very important as it is 5th Lord of Kalpurush and exalts in Lagna.
  • At the age of 30-32, the dasha of Sun is very good.
  • Dispositor  of Sun should also get strength for undiminished growth in life.
  • Sun should not get connected with retrograded 10 Lord which may bring defamation
  • Sun in Satvic Dreshkone is good.
  • Sun is not be in Bhanu Madhyadosh.
  • One should avoid the native with Tamsik Dreshkone Sun.
For gain good results of Sun one should strenthen it by remedies.

For free advice in any field you may go on my E-mail address at: jyotishsanjeevani@gmail.com

Tuesday, 11 June 2013

Tips useful for everyone

१. यदि कोई मनुष्य अत्यंत प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्ध1र  करवाता है तो उसे अनंत कोटि शुभ फल प्राप्त होते हैं १
२. मंदिर में कोई उत्सव या कोई जयंती का आयोजन हो रहा हो तो उस वक्त फूल, कपूर, धूप , घी, दीप, चन्दन , भोग आदि  का दान करता है तो उसकी सभी विपतियों का, अरिष्टों का निवारण हो जाता है, जीवन सुखमय हो जाता है १ 
३. अगर कोई मनुष्य सरकारी विद्यालय , सरकारी अस्पताल में दैनिक उपयोग की वस्तुएं यथा पंखे, बिस्तर, पानी की व्यवस्था, दवाइयां , किताबें , कापियां , पेन, पेन्सिल इत्यादि का दान करता है तो उसको सद्बुधि एवं  भगवत्कृपा की प्राप्ति होती है १ 
४. गाय के लिए चारे की  व्यवस्था करना, पक्षियों को चूगा डालने से घर के सभी अमंगल दूर हो जाते हैं १ 
५. शादी के बाद नवदम्पति को अपने कुलदेवता की पूजा और देवी के मंदिरों के दर्शन कराने से उनका जीवन मधुमय तथा आनंदमय हो उठता है १ 
६. जिस गाय के सींग नहीं होते उसे कपिल गाय कहते हैं, ऐसी  गाय की सेवा करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है १
७. लंगर, भंडारे आदि में कोयले, लकड़ी आदि का दान करें, सुख समृधि बनी रहेगी १


For more detials you may go on my e-mail - jyotishsanjeevani@gmail.com

Monday, 10 June 2013

Importance of dreams in human life

मीठी नींद में स्वप्न आना स्वाभाविक सी बात है लेकिन कभी - कभी स्वप्नों का  कुछ विशेष अर्थ होता है :-

१. अगर सपने में आप किसी से टकराकर   गिर जाते हैं तो किसी बड़ी दुर्घटना से आपका बचाव होगा १ 
२. किसी की शादी होते हुए सपने में दिखाई दे तो ये परिवार के लिए शुभ नहीं होता १ 
३. अगर छोटे -छोटे बच्चे सपने में नंगे दिखाई दे तो संतान के  लिए कष्टकारी होता है १ 
४. सपने में मृतात्माओं को देखना शुभ नहीं है, उनके निमित्त कुछ वस्त्र ,भोजन मंदिर में दान करें १ 
५.  सपने में बिल्ली देखना भी अच्छा नहीं है कुछ परेशानी आने वाली है १ 
६. हाथी सूंड उठाकर सामने से आता हुआ दिखाई दे तो ये शुभ स्थिति है, पदोन्नति होगी १ 
७. हाथी परिवार सहित (हथिनी , बच्चे ) पानी में नहाता हुआ दिखाई दे तो बहुत शुभ होता है १ हर तरफ से खुशियाँ ,शुभ समाचार मिलते हैं १ 
८. सपने में किसी पहाड़ पर चढ़ाई करते हुए देखें तो भी पदोन्नति होती है १ 


        कई बार बुरा सपना दिखाई देता है और मन बहुत घबरा जाता है इसके लिए तुलसी के पोधे के पास बैठकर पूरा सपना सुना दो माँ तुलसी को १ सपने का बुरा प्रभाव दूर हो जाएगा १ इसके साथ ही "ॐ नमः शिवाय " का जप करें १   

Sunday, 9 June 2013

Tip of the day : People who don't get favourable results of their worship (Puja)

Many people perform their puja everyday but they don't get favourable result easily or quickly of their puja. For this the reasons are:-

1. In the Natal Chart of a person if  2nd house is vacant, the native don't perform their puja honestly. वह पूजा का दिखावा करेगा, आडम्बर करेगा १ पूजा पूरे मनोयोग से नहीं करेगा 1 That is the reason he don't get good results of their puja.
2.Guru and Rahu's  conjunction in the natal chart in any house, the native becomes selfish. He perform their puja for some demand from God. That is wrong and the native don't get fruitful result.
3. Placement of retrogate Guru in 9th house, the native could not perform their puja in dedicated manner. In this situation one should live together with  their parents, live near their  Guru and do Jap of their Ishta Devta. 
4.  Placement of Guru and Moon in kendra and konas or shubh bhavas, one would get fruitful result of their puja.
5.After and before perform their Puja one should have thankful to their Ishta Devta and God.
6.Placement of Rahu in 11th house and shani in inimical rashi one would not perform their puja in rightway and don't get favourable result. For this one should have strong will power to perform their Puja and should behave respectfully to their servants and subordinates.
7. In the starting of their puja one should reciting the word  "Om".
8.If one wants good result of their  Puja one should give Dan (Donation) also to deserving people.   
  

Friday, 7 June 2013

पूजा से सम्बंधित महत्वपूर्ण नियम

१ सूर्य को हम भगवान मानें या न मानें , उसकी जीवनदायिनी उर्जा के दर्शन हमें ईशान कोण से ही दृष्टिगोचर होते है १ अतः पूजा घर ईशान कोण में ही बनाना वैज्ञानिक पक्ष भी स्वीकार करता है १ 
२. पूजा करते समय हमारा मुख ईशान कोण (सूर्योदय की दिशा ) में ही हो इसका विशेष ध्यान रखना चाहिए १ 
३. मृतात्मा (पूर्वजों ) के फोटो पूजा घर में देवताओं के साथ ना लगाएं १ पूर्वज  हमारे श्रधेय हैं , पूजनीय हैं  लेकिन हम उन्हें ईश्वर मानकर उनकी पूजा नहीं कर सकते १ यह पूजा एक दोष में परिणत हो जाएगी १ वे हमारे ईष्ट देवता का स्थान नहीं ले सकते १
४. पूजा घर का स्थान फर्श से थोडा सा ऊँचा होना चाहिए १ 
५ . पूजा घर अगर स्वतंत्र रूप से हो तो पूजा करने वाला आध्यात्मिक रूप से ऊँचा उठ जाता है १ जब हमारे घरों में सबके लिए अलग अलग कमरे हो सकते हैं तो भगवान् के लिए क्यों नहीं ?
६. महानगर के घरों में स्थान की कमी के कारण ईशान कोण में पूजा स्थान उपलब्ध ना हो तो ईशान कोण में एक दीवार में आला बनाकर पूजा स्थल बनाया जा सकता है १
७. बहुत से घरों में रसोई घर में पूजा का स्थान बना लेते हैं जो गलत है, घर के सभी लोग अतृप्त और दुखी रहेंगे क्योंकि भगवान भाव व सुगंध के भूखे हैं १ रसोई घर में कई तरह के पकवान बनते हैं जैसे तामसिक भोजन भी और सात्विक भी १ अतः ऐसे स्थान में पूजा स्थल नहीं बनाना चाहिए १ 
८. घर में मृतात्माओं की तस्वीर हमेशा नैर्त्य कोण या पश्चिमी दिशा में ही लगानी चाहिए १


For more knowledge you may go at my e-mail jyotishsanjeevani@gmail.com

Thursday, 6 June 2013

गृह निर्माण के सम्बन्ध में कुछ शुभाशुभ योग

 १. निर्माण कार्य आरंभ करने के समय लगन में उच्च का शुक्र हो या चतुर्थ भाव में उच्च का गुरु हो और एकादश भाव में शनि हो तो ऐसा घर गृहस्वामी को सुख और समृधि देता है १
२. अगर निर्माण कार्य शुरू करने के समय गुरु उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा , उत्तराभाद्रपद, रोहिणी, पुष्य, मृगशिरा, श्रवण, अश्लेषा , तथा पूर्वाषाढ़ा  नक्षत्र में हो और उस दिन गुरुवार हो तो यह घर सम्पति और सन्तति वाला होगा १ 
३. गृहस्वामी के जन्म चंद्रमा से गोचर का चन्द्रमा  3 ,6 ,1 0 ,1 1 ,1  और 7  भावों में उच्च , स्वराशी  या मित्रराशी में हो तो उस समय में शुरू  किया गया निर्माण कार्य  मंगलकारी होगा १ 
४.  निर्माण कार्य आरंभ करने के समय   जन्म चंद्रमा से गोचर का चन्द्रमा 4 ,8 ,1 2   भावों में हो तो ये  गृहस्वामी की भार्या के लिए   मंगलकारी होगा १ 
५. इसी प्रकार यदि सूर्य कमजोर हो तो गृहस्वामी के लिए अनिष्टकारी होगा १
६. अगर गुरु पीड़ित या नीच का हो तो ये स्तिथि गृहस्वामी के पुत्रों के लिए अच्छी नहीं होगी १
७ गृह निर्माण के समय की  कुंडली में शुक्र की निर्बलता सम्पति हानि  का कारन बनती है १
८. गुरु अस्त के समय में शुरू किया गया निर्माण कार्य पूरा होने में बहुत समय लेगा साथ ही घर में वास्तु दोष भी हो जाएगा १

अतः निर्माण कार्य प्रारम्भ करने से पूर्व सूर्य, चन्द्रमा, गुरु, और शुक्र के  बल का विचार  अवश्य  करना चाहिए १


अधिक जानकारी के लिए मेल करें -  jyotishsanjeevani@gmail.com

Wednesday, 5 June 2013

Vishva Paryavaran divas par vishesh

पर्यावरण पर  मंडरा रहे खतरों से हम सभी वाकिफ हैं लेकिन इसके बावजूद हम पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए कोई प्रयास नहीं कर रहें हैं १ दुनिया के कई वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन से नतीजा निकाला   है कि विश्व मैं जो जलवायु परिवर्तन हो रहा है उसका मुख्य कारण प्रदूषित पर्यावरण है १ उपाय के तौर हम सब को ये संकल्प लेना चाहिए हम प्रकृति के निकट रहें , प्रकृति का परिवर्धन करें और पानी, इंधन , बिजली आदि प्राकृतिक संसाधनों को किफ़ायत से उपयोग करें १  अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाकर वातावरण को शुद्ध रखने का प्रयास करें १


Sanjeevani Sharma


Tips of the day

१. अगर किसीको अपने कुल देवता का ज्ञान न हो तो लक्ष्मी नारायण की पूजा पूरी श्रधा , विश्वास एवं याचकता से  करनी चाहिए, भगवन अवश्य सहायता करेंगे १
२. घर में कोई भी विशेष आयोजन हो तो बच्चों की बुआ और मामा को अवश्य  बुलाना चाहिए तभी आयोजन सफल होगा १
३. बच्चे के जनम नक्षत्र में मंदिर जाकर पूजा जरुर करवानी चाहिए, अरिष्ट से बचाव होगा १
४. विष्णु भगवान (राम, कृष्ण ) से आपने कोई मन्नत मांगी है तो उसे जरुर पूरा करें अन्यथा कई पीढ़ियों तक उसका परिणाम भोगना पड़ता है १
५. कभी भी बच्चे का आधे अक्षर से नाम नहीं रखना चाहिए जैसे स्वाति, स्नेह इत्यादि, अशुभ होता है बच्चा पूरी जिंदगी एक अधूरेपन को महसूस करेगा



for more details you may go at my mail ID at jyotishsanjeevani@gmail.com

Monday, 3 June 2013

शादी में देरी के कारण और उपाय


 १. अगर शादी में राहु के कारण देरी हो रही है तो ''ऊं रां राहवे नमः '' का जप  करें १ 
२ .अगर मंगल के कारण शादी में रूकावट आ रही है तो '' चंडिका स्तोत्र '' का पाठ करें १ 
३ .अगर गुरु देरी का कारण है तो गुरुवार  को व्रत रखें और केले के पेड़ की  पूजा करें १ 
४. शनि के कारण शादी नहीं हो पा रही है तो मगलवार को सुन्दर काण्ड का पाठ करायें १ 
५.  अगर लड़के की शादी में रूकावट आ रही है तो गुरूवार को विष्णु भगवान के मंदिर में सेहरे की कलगी  और बेसन के लड्डू चढ़ाएं १ 
६. अगर लड़की की शादी में रूकावट हो रही है तो शिवजी के मंदिर में माँ गौरी को श्रृंगार की वस्तुएँ अर्पित करें १





If any queries you may go at jyotishsanjeevani@gmail.com.

Sunday, 2 June 2013

श्री (लक्ष्मी ) की वृद्धि हेतु उपाय .

1.  लक्ष्मी जी की विष्णु भगवान के साथ शैया पर बैठे रूप की पूजा करें , अकेली लक्ष्मी जी की पूजा न करें१ 
2.  रोहिणी नक्षत्र में लक्ष्मी  जी की पूजा अवश्य करें १ 
3.  चतुर्थी , नवमी एवं  चतुर्दशी में लक्ष्मी जी की पूजा न करें  तथा इस दिन किसी को धन न दें १ 
4 . घर में नियमित  रूप से दीपक  जलाएं १ 
5 . गृहस्वामी /गृहस्वामिनी  घर में कभी-कभी झाड़ू अवश्य लगायें १ 
6 . आलसी , स्वार्थी , प्रसन्नता रहित घर में लक्ष्मी  जी का वास नहीं रहता १ 
7. उत्तर पूर्व में जल का स्रोत अवश्य रखें १ 
8 . मां , पिता , गुरु , बुजुर्गों का आदर व सेवा अवश्य करें १ 
9 . कलियुग में दान का बड़ा महत्व है अतः अपनी कमाई में से दान जरुर दें १
1 0 . कुंडली में द्वितीय भाव पीड़ित हो तो धन माँ  या पत्नी को सौंप दें १ 

उपरोक्त उपाय करने से कभी भी घर में धन की कमी नहीं रहेगी १ 

For more details you may go on my mail at jyotishsanjeevani@gmail.com