Wednesday, 26 June 2013

वास्तु सम्बन्धी जिज्ञासा और वैज्ञानिक समाधान

पूर्वाभिमुख मकान अधिक शुभ क्यों ?

सूर्य जब उदय होता है तो सम्पूर्ण संसार में प्राणाग्नि का संचार होता है १ सूर्य पूर्व में उदय होकर पश्चिम में अस्त होता है और सूर्य ऊर्जा का प्राकृतिक स्त्रोत है १ सूर्य की प्रातः कालीन किरणें पूर्वाभिमुख मकान पर पड़ती हैं तो पूरा घर ऊर्जामय हो उठता है १   प्रातः कालीन किरणों में विटामिन D की प्रचुरता रहती जिसका अधिक से अधिक लाभ पूर्वाभिमुख मकान को मिलता है १  चुम्बकीय किरणें उत्तर से दक्षिण की तरफ प्रवाहित होती हैं अतः पूर्व और उत्तर का क्षेत्र  अधिक खुला रखने से पूर्वाभिमुख मकान को बिना किसी रूकावट के शुद्ध, प्रदुषण रहित वायु मिलती है १ घर का मुख्य द्वार खोलते ही सूर्य भगवान के दर्शन होते हैं तो  मन सकारात्मक ऊर्जा से भर उठता है १ 

दक्षिणी -पश्चिमी  भाग में अधिक भार क्यों ?
 
माकन के दक्षिणी -पश्चिमी  भाग में सीढियां बनाना, भारी मशीनरी, भारी सामान रखने का मुख्य कारण  यह है कि  जब पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती हुई दक्षिण दिशा में पहुंचती है तो वह एक विशेष कोणीय स्थिति में झुक जाती है १ दक्षिण में भार होने से इस क्षेत्र का संतुलन बना रहता है तथा सूर्य की गर्मी इस भाग में होने के कारण इस गर्मी से भी बचा जा सकता है १ 

रसोईघर  आग्नेय कोण में क्यों ?

आग्नेय कोण में रसोई बनाने का प्रमुख करण  यह है कि सुबह पूर्व से सूर्य की विटामिन  युक्त स्वच्छ किरणें दक्षिण क्षेत्र की वायु के साथ घर में प्रवेश करती हैं १ पृथ्वी  सूर्य की परिक्रमा उत्तर से दक्षिण की ओर करती है अतः अग्नि कोण में  अधिक विटामिन D एवं विटामिन F से युक्त सूर्य की किरणेंअधिक समय तक मिलती हैं जिससे रसोई के खाद्य पदार्थ शुद्ध रहते हैं १ इसके अतिरिक्त सूर्य की गर्मी से रसोईघर की नमी के कारण उत्पन्न हानिकारक  कीटाणु भी नष्ट होते हैं १ 

पूजा स्थल ईशान कोण में क्यों ?

पूजा स्थल ईशान कोण में रखने का कारण  यह है कि पूजा करते समय शरीर पर अधिक वस्त्र नहीं होते अतः प्रातःकालीन सूर्य किरणों से शरीर को विटामिन D स्वतः ही मिल जाता है १ उत्तरी क्षेत्र से पृथ्वी की चुम्बकीय उर्जा का प्रभाव भी इस दिशा को पवित्र बनाता है और हमें  पूजा का फल शीघ्र मिलता हैं साथ ही अलोकिक शक्ति तथा ऊर्जा मिलती है १

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