१. यदि कोई मनुष्य अत्यंत प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्ध1र करवाता है तो उसे अनंत कोटि शुभ फल प्राप्त होते हैं १
२. मंदिर में कोई उत्सव या कोई जयंती का आयोजन हो रहा हो तो उस वक्त फूल, कपूर, धूप , घी, दीप, चन्दन , भोग आदि का दान करता है तो उसकी सभी विपतियों का, अरिष्टों का निवारण हो जाता है, जीवन सुखमय हो जाता है १
३. अगर कोई मनुष्य सरकारी विद्यालय , सरकारी अस्पताल में दैनिक उपयोग की वस्तुएं यथा पंखे, बिस्तर, पानी की व्यवस्था, दवाइयां , किताबें , कापियां , पेन, पेन्सिल इत्यादि का दान करता है तो उसको सद्बुधि एवं भगवत्कृपा की प्राप्ति होती है १
४. गाय के लिए चारे की व्यवस्था करना, पक्षियों को चूगा डालने से घर के सभी अमंगल दूर हो जाते हैं १
५. शादी के बाद नवदम्पति को अपने कुलदेवता की पूजा और देवी के मंदिरों के दर्शन कराने से उनका जीवन मधुमय तथा आनंदमय हो उठता है १
६. जिस गाय के सींग नहीं होते उसे कपिल गाय कहते हैं, ऐसी गाय की सेवा करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है १
७. लंगर, भंडारे आदि में कोयले, लकड़ी आदि का दान करें, सुख समृधि बनी रहेगी १
For more detials you may go on my e-mail - jyotishsanjeevani@gmail.com
२. मंदिर में कोई उत्सव या कोई जयंती का आयोजन हो रहा हो तो उस वक्त फूल, कपूर, धूप , घी, दीप, चन्दन , भोग आदि का दान करता है तो उसकी सभी विपतियों का, अरिष्टों का निवारण हो जाता है, जीवन सुखमय हो जाता है १
३. अगर कोई मनुष्य सरकारी विद्यालय , सरकारी अस्पताल में दैनिक उपयोग की वस्तुएं यथा पंखे, बिस्तर, पानी की व्यवस्था, दवाइयां , किताबें , कापियां , पेन, पेन्सिल इत्यादि का दान करता है तो उसको सद्बुधि एवं भगवत्कृपा की प्राप्ति होती है १
४. गाय के लिए चारे की व्यवस्था करना, पक्षियों को चूगा डालने से घर के सभी अमंगल दूर हो जाते हैं १
५. शादी के बाद नवदम्पति को अपने कुलदेवता की पूजा और देवी के मंदिरों के दर्शन कराने से उनका जीवन मधुमय तथा आनंदमय हो उठता है १
६. जिस गाय के सींग नहीं होते उसे कपिल गाय कहते हैं, ऐसी गाय की सेवा करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है १
७. लंगर, भंडारे आदि में कोयले, लकड़ी आदि का दान करें, सुख समृधि बनी रहेगी १
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