चंद्रमा कुंडली में बहुत महत्व रखता है १ चंद्रमा मन का कारक है, माँ का का कारक है सुख शांति और समृद्धि देता है, भाग्योदय देता है १ चन्द्रमा से ही हमारी दशाएं निर्धारित होती हैं और चन्द्रमा से ही गोचर ग्रहों का विचार किया जाता है १ चन्द्रमा कभी भी अशुभ नहीं होता १ चन्द्रमा पीड़ित या पाप प्रभाव में हो तो अपने शुभ फल देने में असमर्थ होता है अर्थात चंद्रमा कमजोर हो जाता है १
बली चन्द्रमा के लक्षण
- जातक की कुंडली में अगर चन्द्रमा शुभ हो तो जातक में गजब का आत्मविश्वास होता है
- जातक को माँ, मौसी और मामी का प्यार मिलता है
- जातक का व्यवहार मधुर और सौम्य रहता है, जातक खुशमिजाज होता है
- जातक गंभीर परिस्थितियों में भी घबराता नहीं है
- जातक मिलनसार होता है और हर प्राणी से प्यार करता है,जातक की सॊच सकारात्मक होती है
- जातक का भाग्योदय 24 वर्ष की आयु तक हो जाता है
कमजोर चन्द्रमा के लक्षण :
- जातक उपरोक्त गुणों से बिलकुल विपरीत होगा
- अगर चन्द्रमा कमजोर हो तो जातक को नजर बहुत जल्दी लगेगी तथा टोने-टोटके का असर भी जल्दी होगा
- जातक चिडचिडा होगा, नकारात्मक विचारों का होगा, उसका मन हमेशा अशांत रहेगा, माँ से विचार नहीं मिलेगें १ परेशानियों से जल्दी घबरा जायेगा १ जल्दी ही तनावग्रस्त हो जायगा , depression में आ जाता है जातक अगर चंद्रमा कमजोर हो कुंडली में १
उपाय
- चांदनी रात में चाँद को निहारें , चन्दन पानी में डालकर नहायें, चांदी के गिलास में पानी पियें , माँ ,मौसी का आदर करें, फीमेल डॉग पालें, गाय को रोटी दें , चांदी की चेन गले में पहनें ,गंगाजल पानी में डालकर स्नान करें तथा भगवन शिव को जलाभिषेक करें १ चंद्रमा को बल मिलेगा और भाग्योदय में सहायक होगा १
nice and innovative topic
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