मंगल कालपुरुष की कुंडली का लग्नेश है, ओज, ऊर्जा और शक्ति का प्रतीक और भूमि और छोटे भाई का कारक है १ कुंडली में शुभाशुभ मंगल जीवन को बहुत प्रभावित करता है १
शुभ मंगल के लक्षण
- मंगल शुभ हो तो सुसराल में मान-सम्मान और सुख मिलता है
- छोटे बहन भाइयों का सुख मिलता है
- जातक बाहुबली और ऊर्जावान होता है
- शुभ मंगल वाले बीमार होने पर जल्दी ठीक हो जाते हैं
- अच्छे मंगल वाला जातक आलसी नहीं होता हमेशा कुछ न कुछ करता रहता है
- जातक को दवाइयां, जमीन, रक्षा और रसायन के काम से काफी लाभ होता है
- जातक गुरु, बुजुर्गों और अपने पुरोहित की खूब सेवा करता है
- मंगल अशुभ हो तो वैवाहिक जिंदगी अच्छी नहीं होती
- मित्र, भाई -भाभी का सुख नहीं मिलता १ किसी से इज्जत नहीं मिलती
- माथे पर से बाल उड़ जाते हैं, हड्डियों तथा गुर्दे की बीमारी हो जाती है, आँखें कमजोर हो जाती है
- कमजोर मंगल सरकार से दंड दिलाता है, गुरु भी पीड़ित हो तो गृहस्थ जीवन भी दुखी रहता है
- कमजोर मंगल वाले को मुफ्त का माल खाने की आदत हो जाती है जो बहुत ख़राब है जातक जिंदगी भर रोजी-रोटी के जुगाड़ में चिंतित रहता है , संतान पक्ष से भी दुखी रहता है अतः कभी भी किसी मुफ्त में कुछ न लें १
- किसी विधवा ब्राह्मण स्त्री का आशीर्वाद लें , चांदी धारण करें , टूटे चप्पल -जूते न पहनें, घर से कबाड़, जन लगा लोहा, रसोई से बेकार की चीजें फ़ेंक दें, करें , तीन धातु(तांबा,चांदी,सोना) की अंगूठी धारण करे, मिटटी के बर्तन में शहद, सिंदूर भरकर घर में रखें, भाई से अच्छे संबंध बना कर रखें, संतान सुख में कमी हो तो सात मंगलवार चार सौ ग्राम चावल दूध से धोकर जल में प्रवाहित करें , कुत्ते की सेवा करें , किसी का अपमान न करें , माँ-बाप की सेवा करें, रसोई में बैठकर भोजन करें १ लाल गुलाब जल में डालकर सूर्य को अर्घ्य दें १
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