१ सूर्य को हम भगवान मानें या न मानें , उसकी जीवनदायिनी उर्जा के दर्शन हमें ईशान कोण से ही दृष्टिगोचर होते है १ अतः पूजा घर ईशान कोण में ही बनाना वैज्ञानिक पक्ष भी स्वीकार करता है १
२. पूजा करते समय हमारा मुख ईशान कोण (सूर्योदय की दिशा ) में ही हो इसका विशेष ध्यान रखना चाहिए १
३. मृतात्मा (पूर्वजों ) के फोटो पूजा घर में देवताओं के साथ ना लगाएं १ पूर्वज हमारे श्रधेय हैं , पूजनीय हैं लेकिन हम उन्हें ईश्वर मानकर उनकी पूजा नहीं कर सकते १ यह पूजा एक दोष में परिणत हो जाएगी १ वे हमारे ईष्ट देवता का स्थान नहीं ले सकते १
४. पूजा घर का स्थान फर्श से थोडा सा ऊँचा होना चाहिए १
५ . पूजा घर अगर स्वतंत्र रूप से हो तो पूजा करने वाला आध्यात्मिक रूप से ऊँचा उठ जाता है १ जब हमारे घरों में सबके लिए अलग अलग कमरे हो सकते हैं तो भगवान् के लिए क्यों नहीं ?
६. महानगर के घरों में स्थान की कमी के कारण ईशान कोण में पूजा स्थान उपलब्ध ना हो तो ईशान कोण में एक दीवार में आला बनाकर पूजा स्थल बनाया जा सकता है १
७. बहुत से घरों में रसोई घर में पूजा का स्थान बना लेते हैं जो गलत है, घर के सभी लोग अतृप्त और दुखी रहेंगे क्योंकि भगवान भाव व सुगंध के भूखे हैं १ रसोई घर में कई तरह के पकवान बनते हैं जैसे तामसिक भोजन भी और सात्विक भी १ अतः ऐसे स्थान में पूजा स्थल नहीं बनाना चाहिए १
८. घर में मृतात्माओं की तस्वीर हमेशा नैर्त्य कोण या पश्चिमी दिशा में ही लगानी चाहिए १
For more knowledge you may go at my e-mail jyotishsanjeevani@gmail.com
२. पूजा करते समय हमारा मुख ईशान कोण (सूर्योदय की दिशा ) में ही हो इसका विशेष ध्यान रखना चाहिए १
३. मृतात्मा (पूर्वजों ) के फोटो पूजा घर में देवताओं के साथ ना लगाएं १ पूर्वज हमारे श्रधेय हैं , पूजनीय हैं लेकिन हम उन्हें ईश्वर मानकर उनकी पूजा नहीं कर सकते १ यह पूजा एक दोष में परिणत हो जाएगी १ वे हमारे ईष्ट देवता का स्थान नहीं ले सकते १
४. पूजा घर का स्थान फर्श से थोडा सा ऊँचा होना चाहिए १
५ . पूजा घर अगर स्वतंत्र रूप से हो तो पूजा करने वाला आध्यात्मिक रूप से ऊँचा उठ जाता है १ जब हमारे घरों में सबके लिए अलग अलग कमरे हो सकते हैं तो भगवान् के लिए क्यों नहीं ?
६. महानगर के घरों में स्थान की कमी के कारण ईशान कोण में पूजा स्थान उपलब्ध ना हो तो ईशान कोण में एक दीवार में आला बनाकर पूजा स्थल बनाया जा सकता है १
७. बहुत से घरों में रसोई घर में पूजा का स्थान बना लेते हैं जो गलत है, घर के सभी लोग अतृप्त और दुखी रहेंगे क्योंकि भगवान भाव व सुगंध के भूखे हैं १ रसोई घर में कई तरह के पकवान बनते हैं जैसे तामसिक भोजन भी और सात्विक भी १ अतः ऐसे स्थान में पूजा स्थल नहीं बनाना चाहिए १
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Mritaatmaon ki tasweeren nairitya me dakchin me ya paschim me nahin balki uttar me aur purab me hona chahiye kyunki dakchin aur paschim me rakhi hui chize dirghayu hoti hai. uttar & purab me rakhi hui chiz alpayu hoti hai. isliye humein jiwit logon ki tasweerein dakchin me aur paschim me lagani chahiye. IF U HAVE ANY PROBLEM CONTACT ME AT 08888860735 SANDEEP BANERJEE.
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